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आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने कहा कि सीएम खट्टर के राज में सरकारी अस्पतालों की हालत बद से बदतर है, न दवाइयां हैं, न मशीनें और 50 प्रतिशत से ज्यादा चिकित्सकों के पद खाली पड़े हैं।

Haryana : आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने हरियाणा में चिकित्सकों की हड़ताल की वजह से ठप पड़ी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हरियाणा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि पहले से ही हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाएं ठप पड़ी हैं, वहीं हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक हड़ताल पर चले गए। सीएम खट्टर के राज में सरकारी अस्पतालों की हालत बद से बदतर है, न दवाइयां हैं, न मशीनें और 50 प्रतिशत से ज्यादा चिकित्सकों के पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा जो डॉक्टर हैं वो भी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं। प्रदेश की जनता प्राइवेट अस्पतालों में महंगे बिलों में इलाज करवाने को मजबूर हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार से चिकित्सकों की जायज मांगों को पूरा करने की मांग की।

मांगों को लेकर चिकित्सकों ने पहले ही सरकार को था चेताया

उन्होंने कहा कि मांगों के पूरा न होने के रोष स्वरूप 19 दिसंबर को सभी चिकित्सकों ने अपनी ड्यूटी के दौरान काली पट्टी बांधकर काम किया था, 
इसके बाद 20 दिसंबर को सरकार को ज्ञापन भेजा। लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को लेकर कोई सुनवाई नहीं की, जिसके चलते 27 दिसंबर को नागरिक अस्पताल की  ओपीडी में सेवाएं बंद रखी गई। सरकार द्वारा उनकी मांग को अनसुना करने पर एसोसिएशन ने लंबे आंदोलन की राह पर चलते हुए 29 दिसंबर को ओपीडी व इमरजेंसी में अपनी सेवाओं को पूर्ण बंद करने का ऐलान किया। भाजपा सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।

हरियाणा में डॉक्टरों के साथ सालों से हो रहा अन्याय

उन्होंने कहा कि हरियाणा में डॉक्टरों के साथ सालों से अन्याय हो रहा है। डॉक्टरों की मांग है कि सरकार सीधा सीनियर मेडिकल ऑफिसर की भर्ती करती है। इसलिए मेडिकल ऑफिसर का 18-20 साल तक प्रोमोशन नहीं हो पाता। मेडिकल ऑफिसर के साथ अन्याय हो रहा है। इसलिए सीधी एसएमओ की भर्ती पर रोक लगाई जाए। केंद्र सरकार और बिहार सरकार डॉक्टरों को एसीआर चार, नौ, 13 और 20 साल पर लगाती है। जबकि हरियाणा में ये पांच, 10 व 15 साल पर लागू है। इसलिए इसको केंद्र की तर्ज पर किया जाए। वहीं, उनकी मांग है विशेषज्ञ डॉक्टरों का एक अलग कैडर बनाया जाए। प्रदेश में विशेषज्ञों की कमी को पूरा किया जाए। कैडर के अनुसार विशेषज्ञ ओपीडी के अलावा दूसरा काम नहीं करेंगे। अब विशेषज्ञों को पोस्टमार्टम और इमरजेंसी ड्यूटी भी करनी पड़ती है। ऐसे में उनके मरीजों को बिना इलाज घर लौटना पड़ता है। उनकी चौथी मांग है कि सरकार पीजी करने वाले डॉक्टरों से एक करोड़ रुपए बॉन्ड भरवाती है। इसको कम करके 50 लाख रुपए किया जाए।

देश में स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की हालत बिल्कुल खस्ता  

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में देश के स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की हालत बिल्कुल खस्ता हो चुकी है। खट्टर सरकार ने प्रदेश के अस्पतालों को ही बीमार कर दिया है। कभी डॉक्टर तो कभी नर्सें हड़ताल पर रहती हैं। जहां प्रदेश की जनता स्वास्थ्य सुविधाओं से जूझ रही है। वहीं सीएम खट्टर व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज आपस में लड़ने में लगे रहते हैं। स्वास्थ्य विभाग में 850 फाइलें आज भी पेंडिंग पड़ी है, जिन पर कोई काम नहीं हो रहा। इसका मतलब भाजपा सरकार में स्वास्थ्य सुविधाएं भी ठप पड़ी हैं।  उन्होंने कहा कि जहां हरियाणा की जनता प्राइवेट अस्पतालों के भरोसे रहने को मजबूर है। वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने 533 मोहल्ला क्लीनिक खोले हैं, जिनमें सभी तरह के टेस्ट और दवाइयां मुफ्त मिलती हैं। 

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