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हरियाणा के पिंजौर में सभी सुविधाओं के साथ 15 जुलाई से सेब व सब्जी मंडी शुरू हो जाएगी। सरकार ने प्रदेश में सात नई अटल कैंटीन खोलने का भी निर्णय लिया है। जिससे इनकी संख्या बढ़कर 47 हो जाएगी। 

चंडगढ़। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पिजौंर में आधुनिक सुविधाओं के साथ 15 जुलाई से सेब व सब्जी मंडी शुरू हो जाएगी। अधिकारियों को 15 जुलाई से पहले सभी आवश्यक कार्य पूरे करने के निर्देश दे दिए गए हैं। ताकि विकेताओं व व्यापारियों को किसी प्रकार की समस्या न हो। प्रदेश में सात नई अटल कैंटीन शुरू करने का भी निर्णय लिया है। इसके साथ ही प्रदेश में अटल कैंटीनों की संख्या बढ़कर 47 हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएमबी) के अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य भर में कृषि बाजारों को  चलाने की दक्षता और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

सामाजिक सुरक्षा योजना का होगा विस्तार

मुख्यमंत्री ने कृषि कार्य के दौरान लाभार्थी पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना के तहत आयु पात्रता 65 वर्ष से बढ़ाकर 75 वर्ष करने की घोषणा की है। बिजली गिरने से होने वाली मृत्यु, पशु-संबंधी दुर्घटनाओं और ट्यूबवेलों से जहरीली गैसों के रिसाव को शामिल कर योजना का विस्तार किया जाएगा। विभाग ने पिछले 7 वर्षों में योजना के तहत लाभार्थियों को 134 करोड़ रुपये वितरित किए हैं। जिसमें मृत्यु होने पर पांच लाख, रीढ़ की हड्डी टूटने या विकलांगता पर ढाई लाख, दो अंग टूटने या स्थायी गंभीर चोट के मामले में 1,87,500, स्थायी गंभीर चोट या एक अंग के विच्छेदन 1,25,000, यदि पूरी उंगली कटने पर 75,000, उंगली के आंशिक विच्छेदन के लिए, वित्तीय सहायता 37,500 रुपये सहायता दी गई। 

30 सितंबर तक बढ़ाई विवाद समाधान की अवधि 

बैठक के दौरान  'विवादों का समाधान' योजना को नए संशोधनों के साथ 30 सितंबर 2024 तक बढ़ाया जाएगा। पुराने मामलों में किस्त भुगतान के लिए 20 दिन की छूट अवधि दी जाएगी, यदि इस अवधि के भीतर भुगतान किया जाता है तो ऐसे आवंटियों को दंड से छूट दी जाएगी। ऐसे मामलों में जहां बकाया राशि प्लॉट के मौजूदा बाजार मूल्य से अधिक है तो नई नीलामी के साथ प्लॉट को फिर से शुरू करने का विकल्प प्रदान किया जाएगा। आरक्षित मूल्य से कोई भी अतिरिक्त राशि पुराने आवंटी और विभाग के बीच समान रूप से साझा की जाएगी। इसके अलावा  20 मार्च 2000 से पहले किए गए आवंटनों के लिए, जहां चक्रवृद्धि ब्याज लगाया गया था।
 

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