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हरियाणा के नारनौल में रेलवे की ओर से रेल संचालन में सुरक्षा को सुदृढ़ करने के साथ-साथ अधिक ट्रेनों का संचालन और ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाने के लिए आधुनिकतम टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे में लगभग 90 किलोमीटर अत्याधुनिक ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली लगाई गई है।

Narnaul: रेलवे की ओर से रेल संचालन में सुरक्षा को सुदृढ़ करने के साथ-साथ अधिक ट्रेनों का संचालन और ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाने के लिए आधुनिकतम टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है। संरक्षित और तीव्र रेल संचालन में आधुनिकतम सिग्नल प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर सिग्नल प्रणाली के अपग्रेडेशन के लिए विभिन्न स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे में लगभग 90 किलोमीटर अत्याधुनिक ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली लगाई गई है, जिससे सुरक्षा में बढ़ोतरी होगी, साथ ही लाइन क्षमता भी बढ़ेगी।

रेल परिवहन को सुरक्षित बनाना प्राथमिकता

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे पर अमिताभ महाप्रबंधक के नेतृत्व में आधुनिक तकनीक और नवाचार पर विशेष बल दिया जा रहा है। जिससे रेल परिवहन को संरक्षित, सुगम, तीव्र, सुविधाजनक बनाने के लिए सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी कड़ी को आगे बढ़ते हुए अत्याधुनिक ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली लगाने का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे में 450 किलोमीटर रेलमार्ग में लगभग 900 करोड़ रुपए की लागत के साथ ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली लगाने का कार्य स्वीकृत किया गया है। जिसमें से 90 किलोमीटर रेलमार्ग पर ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली का कार्य पूरा किया जा चुका है।

इन रेल मार्गों पर लगाई गई ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली

मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे में अजमेर साखुन 57 किलोमीटर, गांधीनगर जयपुर कानोता 18 किलोमीटर, गांधीनगर जयपुर जयपुर कनकपुरा 14.3 किलोमीटर, रेलमार्गों में ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली लगाई गई है। उल्लेखनीय है कि गांधीनगर जयपुर जयपुर कनकपुरा रेलखण्ड में 21 जुलाई को कार्य पूरा किया गया है। ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली की स्थापना से संरक्षा सुदृढ़ होती है। साथ ही एक ब्लॉक सैक्शन में एक से अधिक ट्रेनें संचालित हो सकेगी, जिससे लाइन क्षमता में बढ़ोतरी होगी अर्थात अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा। इसके साथ ही ट्रेनों की समय पालनता भी बेहतर होगी।

450 किलोमीटर रेलमार्ग में ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली के कार्य स्वीकृत

उत्तर पश्चिम रेलवे में 450 किलोमीटर रेलमार्ग में ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली के कार्य स्वीकृत है, जिसमें अधिकतर कार्य दोहरीकरण किए जा रहे रेलमार्ग में दोहरीकरण के साथ ही किए जा रहे हैं, जिनके टेंडर अवार्ड कर दिए गए है। इसके अतिरिक्त महत्वपूर्ण पालनपुर अजमेर जयपुर रेवाड़ी रेलमार्ग के शेष रेलखंडों पर ऑटोमैटिक सिग्नलिंग  प्रणाली के कार्य स्वीकृति के अंतिम चरण में है। रेलवे की ओर से उत्कृष्ट और आधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली की स्थापना से रेल संचालन को संरक्षित, बेहतर और तीव्र बनाना सुनिश्चित किया जा रहा है।

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