भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने नाडा (NADA) की कार्रवाई के खिलाफ अपील करने का मन बना लिया है। बजरंग ने ये भी स्पष्ट किया है कि उन्होंने नाडा को कभी भी डोपिंग टेस्ट (Doping Test) कराने के लिए मना नहीं किया है। इसके साथ ही बजरंग ने दावा किया कि 13 दिसंबर को जो डिसीओ उनका टेस्ट लेने के लिए आए थे, उनके पास एक्सपायर किट थी। इसलिए उन्होंने अपना सैंपल नहीं दिया और इसकी शिकायत NADA से भी की थी। इसके लिए उन्होंने नाडा को दिसंबर से 10 मार्च तक तीन-चार मेल भी किए। जिनका जवाब अभी तक नहीं मिला है। वहीं इस पूरे मामले का एक वीडियो बनाकर बजरंग 15 दिसंबर को सोशल मीडिया पर शेयर किया था।
NADA जब चाहे यहां चाहे मेरा डोपिंग टेस्ट ले सकती है वैध और मान्य किट के साथ। pic.twitter.com/hXC6nmKWsP
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) November 27, 2024
दरअसल, नाडा की कार्रवाई के बाद बजरंग पुनिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि नाडा ने उन्हें चार साल के लिए बैन कर दिया है। इसका मेल उन्हें नाडा की ओर से मिला है। उन्होंने कहा कि यह चार साल का बैन उनके खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष और राजनीतिक साजिश का परिणाम है। उनके खिलाफ यह कार्रवाई उस आंदोलन का बदला लेने के लिए की गई है,जो उन्होंने महिला पहलवानों के समर्थन में चलाया था। उस आंदोलन में उन्होंने अन्याय और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी।
उन्होंने बजरंग ने आगे कहा कहा कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैंने कभी भी डोपिंग टेस्ट कराने से इंकार नहीं किया है। NADA की टीम जब उनके पास टेस्ट के लिए आई थी, तो उनके पास जो डोप किट थी, वह एक्सपायर हो चुकी थी। यह एक गंभीर लापरवाही थी और उन्होंने केवल यह अपील की थी कि एक वैध और मान्य किट के साथ टेस्ट किया जाए। यह उनके स्वास्थ्य और करियर की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक था। लेकिन, इसे जानबूझकर उनके खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया।
बीजेपी पर लगाए आरोप
बजरंग पुनिया ने आगे लिखा कि BJP सरकार और फेडरेशन ने उन्हें फंसाने और उनके करियर को खत्म करने के लिए यह चाल चली है। नाया का यह फैसला निष्पक्ष नहीं है। बल्कि यह उन्हें और उनकी तरह के खिलाड़ियों को चुप कराने की कोशिश है। NADA ने अपनी इस हरकत ने यह साबित कर दिया है कि NADA को निष्पक्षता से कोई लेना-देना नहीं है। इस तरह के तमाम संस्थान सरकार के इशारे पर चल रहे हैं। इस बैन के पीछे का असली मकसद केवल उन्हें चुप कराना और गलत के खिलाफ आवाज उठाने से रोकना है।
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अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी नहीं करूंगा बंद
बजरंग पुनिया ने अपनी पोस्ट के आखिर में लिखा कि चाहे उन्हें जिंदगी भर के लिए बैन कर दिया जाए, लेकिन वह अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज को उठाना जारी रखेंगे। यह लड़ाई सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि हर उस खिलाड़ी की है। जिसे सिस्टम ने चुप कराने की कोशिश की है। इसलिए वह अब इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे और अपने हक की इस लड़ाई को आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे।
यह चार साल का प्रतिबंध मेरे खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष और राजनीतिक साजिश का परिणाम है। मेरे खिलाफ यह कार्रवाई उस आंदोलन का बदला लेने के लिए की गई है, जो हमने महिला पहलवानों के समर्थन में चलाया था। उस आंदोलन में हमने अन्याय और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की थी।
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) November 27, 2024
मैं यह स्पष्ट करना…
नाडा की कार्रवाई के खिलाफ कहां अप्लाई कर सकते हैं पुनिया
एक अंग्रेजी अखबार की खबर की मानें, तो बजरंग पुनिया एंटी-डोपिंग अपील पैनल में भी अपनी अपील कर सकते हैं। इसके अलावा उनके वकील विदुषपत सिंघानिया का कहना है कि वे सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि बजरंग CAS में भी अपील कर सकते हैं। बता दें कि CAS वही संस्था है। जिसमें विनेश फोगाट ने भी अपील की थी। जब उन्हें पेरिस ओलंपिक में बढ़े वजन की वजह से डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था।
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