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हरियाणा के भिवानी में शिक्षा विभाग ने अनेक प्राइमरी स्कूलों के भवनों को जर्जर घोषित किया और उन्हें तुड़वाना शुरू कर दिया। टूटे हुए भवनों का मलबा पड़ा है, लेकिन नए भवनों का कार्य शुरू नहीं हुआ।

Bhiwani: शिक्षा विभाग ने अनेक प्राइमरी स्कूलों के भवनों को जर्जर घोषित किया और उन भवनों को तुड़वाना भी शुरू कर दिया। अनेक प्राइमरी स्कूलों में टूटे हुए भवनों का मलबा पड़ा है, लेकिन अभी तक उन जर्जर भवनों की जगहों नए भवनों का कार्य शुरू नहीं हो पाया। इसकी वजह से स्कूलों में छोटे बच्चों को बैठाने के लिए जगह ही नहीं बची। ऐसे में बच्चों को स्कूल के बरामदों या फिर दो से तीन कक्षाओं को एक ही भवन में बैठाना पड़ रहा है। हालांकि इस वक्त बच्चों की छुट्टियां चल रही है, लेकिन 15 जनवरी के बाद स्कूल खुलते ही शिक्षकों के सामने बच्चों को बैठाने की समस्या फिर से बन जाएगी। फिलहाल जिले में इस तरह के स्कूलों की संख्या करीब डेढ दर्जन के आसपास है।

कंडम भवनों वाले स्कूल के बच्चों को दूसरे स्कूल में बैठाया जा रहा 

भिवानी ब्लॉक में कंडम हुए स्कूलों की संख्या करीब आठ से दस के आसपास है। कुछ स्कूलों के भवनों को कंडम घोषित करके दूसरे स्कूलों में बच्चों को बैठाया जा रहा है तो कुछ स्कूल ऐसे भी है। जिनके कुछ कमरों को तोड़ा गया है और उन कमरों में बैठने वाले बच्चों को दूसरी कक्षा के बच्चों के साथ बैठाया जा रहा है। हालांकि एक कमरे में दो-दो क्लास बैठाने की वजह से किसी भी क्लास के बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही, लेकिन शिक्षकों के पास इसके सिवाय विकल्प ही नहीं है। मजबूरन वे इस तरह की व्यवस्था कर रहे है। सबसे बड़ी समस्या शिक्षकों के साथ यह आ रही है कि वे कमरे में बैठे दो कक्षाओं के बच्चों को अलग-अलग किस तरह से पढ़ाएंगे। फिलहाल इन शिक्षकों के समक्ष अजीब सी समस्या बनी हुई है।

कुछ भवन मंजूर तो कुछ का भेजा एस्टीमेट

जिले में करीब डेढ दर्जन के आसपास ऐसे स्कूल भवन है, जो जर्जर हो चुके है। उनको तुड़वाए जाने की प्रक्रिया तो शुरू हो गई, लेकिन अभी तक उनकी जगह नए भवन बनाए जाने का बजट नहीं पहुंचा। हालांकि कुछ स्कूलों के भवनों का निर्माण शुरू करवाए जाने का बजट जारी भी हो चुका है, लेकिन जिन स्कूलों का बजट जारी नहीं हो पाया। उन स्कूल के शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए बड़ी समस्या बनी है। स्कूलों के अवकाश खत्म होते ही बच्चों को कहां पर बैठाया जाएगा।

शिक्षा का माहौल देना बेहद जरूरी: चाहर 

राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चाहर ने बताया कि अनेक स्कूलों में भवनों का टोटा बना हुआ है। अनेक स्कूलों के भवनों को तोड़ा गया है। उनकी जगह नए भवन नहीं बनाए गए। बच्चों को बैठने के लिए जगह नहीं है। जिसकी वजह से स्कूलों में शिक्षा का माहौल नहीं बन पा रहा है। उन्होंने सरकार से उक्त स्कूलों के भवनों को शीघ्र तैयार करवाए जाने की मांग की।

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