Haryana Politics: हरियाणा मे कांग्रेस पार्टी के बीच सीएम पद को लेकर तनातनी चल रही है। सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि वह राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले शहरी इलाकों में पदयात्रा निकालेंगी। इस पद यात्रा को लेकर तैयारियां चल रही है। फिलहाल कुमारी शैलजा अपने निजी काम से विदेश गई हैं और उनके लौटते ही पदयात्रा का कार्यक्रम तय किया जाएगा।
हुड्डा हाईकमान को देना चाहते संदेश
वहीं, शैलजा के इस पदयात्रा के बारे में घोषणा करते ही, पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने अपने सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा को आगे कर रथ यात्रा का कार्यक्रम तय कर दिया है। बता दें कि भूपेंद्र हुड्डा के एक महीने के कार्यक्रम का शेड्यूल पहले से ही तय था और ऐसे में दीपेंद्र हुड्डा को शैलजा से आगे रखा गया है। इस रथ यात्रा द्वारा हुड्डा हाईकमान को यह संदेश देना चाहते हैं कि राज्य में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी उन्होंने संभाल ली है।
पार्टी को मजबूत करना चाहती है शैलजा
इस बीच, शैलजा समर्थकों ने कुमारी शैलजा को दीपेंद्र हुड्डा की रथयात्रा के बारे में जानकारी दे दी है। कहा जा रहा है कि वह जल्द ही विदेश से लौट सकती हैं। कुमारी शैलजा की पदयात्रा जुलाई के अंतिम सप्ताह से शुरू होगी। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश के जिन 44 विधानसभा क्षेत्रों में अपनी बढ़त बनाई है, उसमें ज्यादातर शहरी इलाके शामिल हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव पास आ रहा है, ऐसे में कांग्रेस को शहरी क्षेत्रों में ध्यान देने की जरूरत है। इस वजह से सैलजा शहरी इलाकों में पदयात्रा निकालकर पार्टी को मजबूत करना चाहती है।
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जल्द होगी तारीख की घोषणा
शैलजा के समर्थकों ने बताया कि जुलाई के अंतिम सप्ताह में पद यात्रा शुरू करने की प्लानिंग तैयार की जा रही है। जल्द ही तारीख की भी घोषणा कर दी जाएगी। इसके साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को मीडिया के माध्यम से यात्रा का रूट भी जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पदयात्रा को लेकर कुछ अहम जिम्मेदारियां भी कार्यकर्ताओं को सौंपी जानी है, इसके लिए कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई जाएगी।
ये हैं इस यात्रा के सियासी मायने
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कुमारी शैलजा जहां पदयात्रा कर अपना राजनीतिक कद ऊंचा करना चाहती है, वहीं भूपेंद्र हुड्डा का प्रयास रहेगा कि जब भी सीएम के नाम की घोषणा हो, तो उन्हें आसानी से नजरअंदाज नहीं किया जा सके। हाल के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दस लोकसभा सीटों में से पांच सीटों पर जीत हासिल की है। कुमारी शैलजा सिरसा लोकसभा सीट से विजेता बनी हैं, वहीं अन्य सीटों पर हुड्डा के करीबी ही जीते हैं।