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हरियाणा के भिवानी में बवानी खेड़ा हलके के गांव गुजरानी में पंचायत द्वारा घर से बाहर कच्छा-कैपरी पहनने पर रोक लगा दी है। इस अलग प्रकार के हटकर निर्णय को लोग सराह रहे हैं तो युवा पीढ़ी इसे पुराने विचारों की बात कर रही है।

दीपक कुमार, बवानीखेड़ा: बवानी खेड़ा हलके के गांव गुजरानी में पंचायत द्वारा घर से बाहर कच्छा-कैपरी पहनने पर रोक लगा दी है। एक तरफ इस अलग प्रकार के हटकर निर्णय को लोग सराह रहे हैं तो युवा पीढ़ी इसे पुराने विचारों की बात कर रही है। गांव गुजरानी के सरपंच प्रतिनिधि सुरेश की अध्यक्षता में ग्रामीणों, गांव के मौजिज व्यक्तियों द्वारा निर्णय लिया कि संस्कृति को बचाए रखने के लिए ऐसे ठोस कदम उठाने जरूरी हैं। क्योंकि अक्सर युवा कच्छा कैपरी पहने कुंओं पर पानी भरती महिलाओं के पास, बाजारों में, दुकानों आदि में देखे जाते हैं जिससे दृष्टि में तबदीली आना लाजमी हो जाता है और इससे हमारी मानसिकता पर प्रभाव पड़ता है।

मुनादी करवाकर किया जागरूक

सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार ने बताया कि कच्छा कैपरी के गांव में प्रतिबंध के लिए बाकायदा सलाह मशवरा करके मुनादी कराई गई है जिसमें सभी का सहयोग मिल रहा है। हमें अपनी संस्कृति को बनाए रखने के लिए अपने आप में झांकना होगा। अक्सर घुटने तक के कच्छा कैपरी को डालकर युवा अपनी अदब तहजीब को भूलते जा रहे हैं। इसलिए हमें इस पर रोकथाम लगाना जरूरी है।

एकजुट हुए तो कारगर सिद्ध होगा फैसला

सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार ने कच्छा कैपरी के निर्णय पर बताया कि ऐसा नहीं है कि पंचायत ने कोई कानून बनाया है, केवल एक परंपरा को बनाए रखने की कोशिश की गई है। क्योंकि हम ऐसा करके अपने आपको धोखा दे रहे हैं। कच्छा कैपरी पहनने का वस्त्र नहीं है, केवल अंग प्रदर्शन का जरिया है जिससे हमारी मानसिकता धूमिल होती है। आज रिश्तों की महता समाप्त होते दिखाई देने लगी है इसलिए हमें हमारे बुजुर्गों की सोच और पुरानी परंपराओं को बनाए रखना होगा व सभी को सहयोग करना होगा।

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