योगेंद्र शर्मा, Haryana: हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक का एक फर्जी नोट तैयार कर गुरुग्राम में प्राइम-लोकेशन की बेशकीमती जगह राजीव चौक रिलीज करवाने के फर्जीवाड़े की साजिश रचने वालों के विरुद्ध हरियाणा सरकार के निर्देशों के बाद शिकंजा कस दिया। इस संबंध में तीन सरकारी कर्मियों को हिरासत में लेकर पूछताछ हो चुकी है, जबकि पंचकूला के एक प्रमुख प्रापर्टी डीलर सहित छह-सात लोगों को गिरफ्तार करने की तैयारी है।
सियाशी भूचाल लाने की रची जा रही थी साजिश
सूत्रों का कहना है कि जगह रिलीज कराने अथवा जगह की बिक्री करने तक साजिश सीमित नहीं है, बल्कि इसके जरिए सिसायी भूचाल लाने की साजिश रची जा रही थी। लेकिन साजिश का खुलासा उस वक्त हो गया, जब कुछ लोगों ने उस फर्जी कैबिनेट के नोट व एजेंडे को लेकर गुरुग्राम की जगह रिलीज के बारे में हरियाणा सचिवालय की कैबिनेट ब्रांच में पूछताछ की। इसकी सूचना पूर्व सीएम मनोहरलाल और मुख्य सचिव तक पहुंच गई, जिस पर तुरंत ही जांच पड़ताल की। इसके बाद परत दर परत खुलासा होता गया, क्योंकि जो कैबिनेट का नोट तैयार किया गया, उस पर ऊपर तारीख 15 नवंबर दिखाई गई और पांच एजेंडे नवंबर में हुई बैठक के डाले गए। जबकि नीचे की तरफ जगह रिलीज करने संबंधी बिंदु डालते हुए इसमें तकनीकी भाषा का इस्तेमाल किया गया। साथ ही मुख्य मंत्री, मुख्य सचिव, एफसीआर और एसीएस वित्त का जिक्र करते हुए उनके आधार पर एक अधीक्षक के भी फर्जी हस्ताक्षर किए गए।
गुरुग्राम में राजीव चौक की जमीन को लेकर किया खेल
गुरुग्राम राजीव चौक की बेशकीमती जमीन को लेकर शातिर तरीके से खेल किया गया, जिसमें हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक का जिक्र करते हुए फर्जी एजेंडा और कैबिनेट नोट तक तैयार कर दिया गया। दिसंबर में दिखाई गई कैबिनेट की बैठक जबकि इस माह में कोई बैठक हुई ही नहीं। फर्जी कैबिनेट नोट में ऊपर डाले गए पांच एजेंडे नवंबर माह के सही और बाद में गुरुग्राम की बेशकीमती जगह को रिलीज किए जाने की फर्जी लाइनें व तकनीकी टिप्पणी शातिराना तरीके से की गई।
तीन सरकारी कर्मचारियों के साथ पंचकूला का एक प्रापर्टी डीलर भी रैकेट में शामिल
मामले में हरियाणा पुलिस क्राइम ब्रांच, सरकार, मुख्य सचिव और पुलिस अफसरों द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद सक्रिय हो गई है। पूरे मामले में हाउसिंग फार आल (हाउसिंग बोर्ड) का एक कर्मचारी, इसके अलावा राजस्व विभाग के एक अधीक्षक सहित एक अन्य शामिल है। जबकि पंचकूला के रहने वाले प्रमुख प्रापर्टी डीलर भी पूरी साजिश में शामिल रहा है। इस तरह से छह सात लोगों पर पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने शिकंजा कस दिया है। इन सभी से गहन पूछताछ होगी ताकि सारे मामले का खुलासा हो सके।
सियासी भूचाल और बदनामी करने की भी हो सकती साजिश
फर्जी कैबिनेट नोट के मामले में प्रदेश के अंदर सियासी साजिश रचने की तैयारी को ध्यान में रखकर पुलिस अफसर जांच में जुटे हुए हैं, ताकि लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले ही सनसनी मचाई जा सके। कुल मिलाकर पूरे मामले में फर्जीवाड़े का खुलासा होने और कोई भी जगह रिलीज नहीं होने की सूचना पुख्ता हो जाने के बाद अफसरों ने राहत की सांस ली है।