Fatehabad: किसानों के दिल्ली कूच के चलते पुलिस द्वारा बंद किए गए रास्तों को अब खोलने का काम शुरू कर दिया है। फतेहाबाद से रतिया जाने वाली सड़क को गांव अयाल्की के पास रंगोई नाले पर पुलिस द्वारा 13 फरवरी को भारी बेरिकेडिंग कर बंद किया गया था। पिछले 23 दिनों से बंद पड़े इस रास्ते पर लगाए गए नाके को प्रशासन ने हटाना आरंभ कर दिया है। एक या दो दिनों में सभी बेरिकेड्स हटा दिए जाएंगे, जिससे रतिया व फतेहाबाद के यात्रियों को राहत मिलेगी। फतेहाबाद के अलावा टोहाना में पंजाब को जोड़ने वाले मार्ग से भी बैरिकेटिंग हटाने का काम पूरा कर लिया गया है।
रास्तों पर कंक्रीट के पिल्लर रखकर बंद किया था रास्ता
बता दें कि पंजाब के किसान संगठनों द्वारा दिल्ली कूच को लेकर जिला प्रशासन ने पंजाब के साथ लगते मुख्य मार्गों हांसपुर रोड, रतिया के रोझांवाली व टोहाना के 148-बी नेशनल हाइवे को बंद कर दिया था। इसी दिन जब रतिया के गुरूद्वारा अजीतसर से भारतीय किसान यूनियन खेती बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने दिल्ली के लिए कूच किया तो प्रशासन ने इन किसानों को रोकने के लिए गांव अयाल्की के पास रंगोई नाले पर बेरिकेटिंग कर दी। प्रशासन ने यहां पर सड़क तोड़कर खाई खोद दी और सड़क पर ग्रीस डाल दिया। साथ ही सड़क मार्ग पर नुकीली कीलें भी गाड़ थी। इसके अलावा 6-6 फुट के सिमेंटिड ब्लॉक व कंटीली तारों के अलावा लोहे के बेरिकेड्स लगा दिए। यहां अर्धसैनिकों के साथ-साथ पुलिस के जवानों की भी तैनाती की गई थी ताकि किसान किसी भी सूरत में यहां से आगे न बढ़ सकें। लोगों की परेशानी को देखते हुए 23 दिन बाद प्रशासन ने अब बेरिकेटिंग को हटाने का कार्य आरंभ कर दिया। प्रशासन की ओर से यहां पर लगी कीलों व ग्रीस को हटा दिया गया है।
पंजाब जाने वाले मार्ग को प्रशासन ने बुलडोजर की सहायता से खोला
टोहाना में किसानों के दिल्ली कूच की आहट के साथ बंद किए गए पंजाब-हरियाणा संपर्क मार्गों को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा आमजन तथा राईस शैलर संचालकों की परेशानी को देखते हुए बुलडोजर की सहायता से मनियाना गांव को जाने वाले मार्ग को पूरी तरह से खोल दिया गया है। इससे पंजाब राज्य को जाने वाले वाहन चालकों के साथ-साथ प्रत्येक वर्ग ने राहत की सांस ली है। जबकि टोहाना क्षेत्र के लोग अब नेशनल हाईवे 148-बी चंडीगढ़ रोड पर बंद किए गए मार्ग के खुलने के इंतजार में है। बता दें कि प्रशासन द्वारा नेशनल हाईवे 148-बी पर स्थित पंजाब सीमा से पहले ही 10 फरवरी को टोहाना क्षेत्र में बैरिकेट्स लगाकर पूरी तरह से सील कर दिया था। आसपास के गांवों के किसान, मजदूर तथा आमजन कच्चे रास्तों द्वारा टोहाना शहर में खरीददारी करने के लिए आते थे।