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हरियाणा के यमुनानगर स्थित गांव घोड़ो पिपली टापू माजरी के लोगों ने लोकसभा चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया। डीसी व एसपी ग्रामीणों को मनाने पहुंचे, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। पोलिंग बूथ पर अधिकारी पूरा दिन बैठे रहे और शाम को बिना मतदान वाली पेटियां लेकर लौट गए।

Yamunanagar: लोकतंत्र के महापर्व में शनिवार को जहां पूरा हरियाणा मतदान उत्सव में अपने मत का प्रयोग करता रहा। वहीं, यमुनानगर के बूडिया थाना क्षेत्र के गांव घोड़ो पिपली टापू माजरी के लोगों ने लोकसभा चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया। गांव में 550 वोट हैं, मगर कोई भी व्यक्ति पोलिंग बूथ पर वोट डालने नहीं गया। दो दिन पहले जिला उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार व पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया गांव के लोगों को समझाने के लिए गए थे। मगर लोगों ने उनकी बात नहीं मानी। गांववासियों की मांग थी कि जब तक यमुनानदी पर गांव शहजादपुर की तरफ पुल नहीं लगेगा, गांव का कोई भी लोग वोट नहीं डालेगा। यमुनानगर आने के लिए गांव के लोगों को उत्तर प्रदेश से होकर आना पड़ता है।

ग्रामीणों ने महापंचायत कर चुनाव बहिष्कार का लिया था निर्णय

गांव टापू माजरी घोड़ो पिपली के लोगों ने कुछ दिन पहले ही महापंचायत कर चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया था। जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। दो दिन पहले जिला उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार व पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया लोगों को समझाने के लिए उनके गांव में गए थे। मगर लोगों ने उनकी बात नहीं मानी। गांववासी पुल बनवाने की मांग पर अडे़ रहे। शनिवार को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गांव में पोलिग बूथ बनाया गया था। मगर कोई भी गांव का व्यक्ति वोट डालने के लिए नहीं आया और अपनी चौपाल में बैठकर आगामी रणनीति बनाते रहे। इस दौरान डीडीपीओ नरेंद्र सिंह गांव में लोगों को समझाने के लिए गए। मगर लोगों ने उनकी बात नहीं मानी और वोटिंग का पूर्ण रूप से बहिष्कार करके रखा। शाम तक अधिकारी ग्रामीणों को मनाने में लगे रहे।

गांववासियों का यह है आरोप

गांव के नंबरदार कालू राम व सरपंच अरूण कुमार ने बताया कि गांव के लोगों द्वारा यमुनानगर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। लोगों को अपने शहर यमुनानगर जाने के लिए उत्तर प्रदेश से होकर जाना पड़ता है। यमुना नदी पर पुल न होने के कारण यमुनानगर पहुंचने के लिए उन्हें 40 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। यदि गांव शहजादपुर के पास यमुना नदी पर पुल लगाया जाए तो सात किलोमीटर का यह सफर रह जाएगा। वह कई वर्षों से यमुनानदी पर पुल लगवाने की मांग कर रहे हैं जिसको लेकर वह मंत्री कंवर पाल गुर्जर, प्रशासनिक अधिकारियों से मिल चुके हैं। मगर किसी ने भी उनकी बात नहीं सुनी। जिस कारण उन्हें चुनाव के बहिष्कार का फैसला लेना पड़ा।

क्या कहते है अधिकारी

सीटीएम पीयूष गुप्ता ने बताया कि प्रशासन द्वारा गांव के लोगों को वोटिंग करने की अपील की गई थी। मगर वह नहीं माने। आचार संहिता लगी होने के कारण अभी कुछ भी काम नहीं हो सकते। आचार संहिता खत्म होने के बाद गांववासियों की मांग को सरकार तक पहुंचाया जाएगा। गांव वासियों की समस्या का समाधान करवाया जाएगा।

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