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हरियाणा की धरती से इजराइल जाने वाले युवाओं की संख्या यूपी के बाद सबसे ज्यादा हो गई है। हरियाणा के युवाओं की संख्या जहां 156 तक पहुंच चुकी है, वहीं पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश है।

योगेंद्र शर्मा, चंडीगढ़: हरियाणा की धरती से इजराइल जाने वाले युवाओं की संख्या यूपी के बाद सबसे ज्यादा हो गई है। हरियाणा के युवाओं की संख्या जहां 156 तक पहुंच चुकी है, वहीं पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश है। वहां से लगभग चार हजार के करीब युवाओं ने इजराइल में रोजगार प्राप्त कर लिया है। हरियाणा से श्रमिकों को भेजने की पहल राज्य की नायब और इससे पहले मनोहर सरकार ने की थी। यहां तक कि राज्य सरकार की ओर से साफ किया गया था कि वे भी युवाओं को देश ही नहीं बल्कि बाहर के देशों में रोजगार दिलाने की पहल करेंगे। इसके  लिए विभिन्न रोजगार दफ्तरों के माध्यम से जानकारी जुटाई गई थी।

हरियाणा कौशल रोजगार निगम के नाम से किया था युवाओं का पंजीकरण

हरियाणा सरकार ने युवाओं का पंजीकरण हरियाणा कौशल रोजगार निगम के नाम से किया था। कुल मिलाकर इस पहल का फायदा यह हुआ कि इजराइल भेजे गए युवाओं की संख्या 156 के करीब पहुंच गई है। हरियाणा यूपी के बाद युवाओं को रोजागार दिलाने के मामले में दूसरे नंबर पर है। पहले स्थान पर यूपी से चार हजार से ज्यादा युवा जा चुके हैं। हरियाणा के 156 निवासी मौजूदा वक्त में युद्ध प्रभावित इजराइल में निर्माण श्रमिकों के रूप में तैनात हैं। हालांकि यह व्यवस्था भारतीय श्रमिकों के अस्थायी रोजगार को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत-इजरायल समझौते के तहत हैं।

इजराइल में 4825 श्रमिक कर रहे काम

उत्तर प्रदेश ने अब तक इजरायल में सबसे अधिक युवाओं को रोजगार दिलाने में सफलता प्राप्त की, जहां से 4,415 श्रमिक भेजे गए हैं। श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि तीसरे नंबर की बात करें तो इसमें 149 श्रमिकों के साथ बिहार का स्थान आता है। समझौते के तहत वर्तमान में इजराइल में काम कर रहे भारत के कुल 4,825 श्रमिकों में से छह पंजाब और एक हिमाचल प्रदेश से हैं। राजस्थान से कुल 30 निर्माण श्रमिक और पश्चिम बंगाल व केरल से प्रत्येक 20 श्रमिक अन्य राज्यों से हैं।

इजराइल भेजने से पहले हरियाणा में हुआ था विवाद

निर्माण श्रमिकों को युद्ध प्रभावित इजराइल भेजने से पहले हरियाणा में राजनीतिक विवाद हुआ था, क्योंकि इजराइल गाजा में हमास के साथ संघर्ष में है और फिलिस्तीनियों के कार्य परमिट रद्द होने के कारण श्रमिकों की कमी का सामना कर रहा था। हरियाणा सरकार की प्रारंभिक योजना लगभग 10 हजार निर्माण श्रमिकों की भर्ती करना था। जिन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से इजराइल में तैनात किया जाएगा, जिनका मासिक वेतन 1600 इजरायली शेकेल होगा। भारत-इजराइल समझौते के तहत भारतीय श्रमिकों के अस्थायी रोजगार को सुविधाजनक बनाने के लिए निर्माण श्रमिकों के लिए कार्यान्वयन प्रोटोकॉल के तहत इजराइल में रोजगार के लिए 10,000 भारतीय श्रमिकों की ओर से उनके प्रार्थना पत्र मिले हैं।

विपक्ष कर रहा लगातार हमले

प्रदेश के अंदर विपक्ष की ओर से लगातार मौजूदा सरकार पर जमकर आरोप लगाए जा रहे हैं। इनमें नेता विपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा आप पार्टी की ओर से डॉ. सुशील गुप्ता व अनुराग ढांडा द्वारा हमला किया जा रहा है। इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला भी बेरोजगार युवाओं को युद्ध वाले देश में भेजने पर सवाल खड़े करते हुए बाकी नेताओं की बात का समर्थन करते हुए कहते हैं कि सरकार रोजगार नहीं दे सकती, तभी तो युवाओं को  बाहर जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

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