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हरियाणा के नारनौल में राज्यमंत्री के पीआरओ राजेश यादव पर लगाए गए सभी आरोप एसआईटी की जांच में झूठे पाए गए। अनुसंधान की रिपोर्ट पर राजेश यादव के मुकदमें को खारिज कर दिया।

Narnaul : पैसे एठने की साजिश के आरोप में विधायक व प्रदेश राज्यमंत्री ओमप्रकास यादव के पीआरओ राजेश यादव को महेंद्रगढ़ पुलिस की ओर से जिस मुकदमे में गिरफ्तार किया गया था, उसमें एसआईटी फिरोजपुर की अनुसंधान की रिपोर्ट पर निर्दोष ठहराते हुए मुकदमा खारिज कर दिया गया है। मंगलवार को महेंद्रगढ़ शहर पुलिस थाने के एएसआई कुलदीप सिंह ने एसआईटी फिरोजपुर झिरका की रिपोर्ट को महेंद्रगढ़ अदालत में पेश कर दिया। एएसआई कुलदीप ने एसडीजेएम मुनीष नागर के न्यायालय में राजेश यादव व जयपुर हाइकोर्ट के अधिवक्ता वासुदेव को भी डिस्चार्ज करने की रिपोर्ट सौंप मुकदमा डिस्चार्ज करने का अनुरोध किया।

महेंद्रगढ़ निवासी रामदास ने लगाया था रंगदारी मांगने का आरोप

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 23 मार्च को महेंद्रगढ़ शहर थाने में माजरा खुर्द के रहने वाले रामदास ने लिखित शिकायत देते हुए धर्मबीर व एडवोकेट वासुदेव पर आठ फरवरी 2023 को आश्रम में आकर रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था। महेंद्रगढ़ पुलिस ने आरोपित वासुदेव को गिरफ्तार कर राजेश यादव को भी धनराशि एठने की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस ने दोनों आरोपितों को तीन दिन के पुलिस रिमांड के बाद जेल भेज दिया। लगभग 18 दिन जेल में रहने के बाद राजेश यादव को जमानत मिली। राजेश यादव ने इस मुकदमे को झूठा बताते हुए गृह मंत्री अनिल विज से मुलाकात कर जांच को अन्य जिले में बदलवाने की मांग की। गृह मंत्री के आदेश पर आईजी रेवाड़ी ने 20 अप्रैल 2023 को जांच नूंह जिले के डीएसपी सतीश वत्स की अध्यक्षता में एसआईटी गठित कर फिरोजपुर झिरका पुलिस को सौंपी। इस एसआईटी ने 30 नवंबर 2023 को मामले की जांच पूरी करते हुए आरोपितों को निर्दोष ठहराते हुए मुकदमें में रामदास की ओर से लगाए गए सभी आरोपी को झूठा बताया।

मामले में गलत फंसाया गया था : राजेश यादव

राज्यमंत्री के पीआरओ राजेश यादव ने कहा कि इस मामले में उन्हें बिल्कुल गलत फंसाया गया था। उनकी पत्नी ने 20 मार्च को पुलिस की लापरवाही को लेकर एक समाचार प्रकाशित करवाया था, जिससे नाराज होकर तीन दिन बाद ही महेंद्रगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जबकि उक्त मुकदमें में शिकायतकर्ता रामदास ने अपनी शिकायत पर उसके ऊपर किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया। पुलिस ने उसे जानबूझ कर झूठे मुकदमें में फंसाया था।

मुवक्किल पर लगे आरोप बिल्कुल झूठे : अधिवक्ता

महेंद्रगढ़ बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान व वरिष्ठ अधिवक्ता बीरेन्द्र यादव खायरा ने बताया कि उसके मुवक्किल राजेश यादव पर लगे आरोप बिल्कुल झूठे थे। इस केस में आरोपित अधिवक्ता वासुदेव पर लगे आरोप भी पुलिस जांच में झूठे पाए गए हैं। आठ फरवरी 2023 को वासुदेव व अन्य पर महेंद्रगढ़ के गांव माजरा स्थित आश्रम में आकर फिरौती मांगने का आरोप है। आठ फरवरी 2023 को अधिवक्ता वासुदेव जयपुर न्यायालय में किसी केस में पेश हुए थे। जांच में साबित हो गया है। उनके मुवक्किल राजेश यादव व वासुदेव पर मिलीभगत व साजिश के आरोप झूठे थे।

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