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हरियाणा के पूर्व मंत्री चौधरी जसवंत सिंह का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा। उन्होंने शुक्रवार की शाम करीब छह बजे अंतिम सांस ली थी। वह पिछले एक महीने से लीवर की समस्या से परेशान थे।

Chaudhary Jaswant Singh Funeral: हरियाणा के पूर्व मंत्री चौधरी जसवंत सिंह का शुक्रवार को लीवर की बीमारी के निधन हो गया। 92 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। आज उनका हिसार में अंतिम संस्कार किया जाएगा। जसवंत सिंह ने हरियाणा की राजनीति में अहम भूमिका रही। वह तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ मंत्री पद पर रहें।

जानकारी के मुताबिक, पूर्व मंत्री के बेटे डॉ. जसपाल सिंह ने बताया कि उनके पिता करीब एक महीने से लीवर की समस्या से परेशान थे। इसकी वजह से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई और शुक्रवार की शाम करीब 6 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।   आज हिसार के सेक्टर 16-17 अंतिम संस्कार किया जाएगा। वह हिसार की नारनौंद विधानसभा के गांव खांडा खेड़ी के रहने वाले थे। उन्हें अपने पिता सूरजमल से राजनितिक विरास मिली थी।

हरियाणा की तीन सरकारों में मंत्री रहे चौधरी जवंसत सिंह

बता दें कि चौधरी जसवंत सिंह हरियाणा की तीन सरकारों में मंत्री रहे। उन्हें राव वीरेंद्र सिंह, बंसीलाल और ओमप्रकाश चौटाला की सरकार में तीन बार मंत्री बनाया गया था।

-चौधरी जसवंत सिंह ने पंजाब से हरियाणा अलग होने के बाद पहला निर्दलीय चुनाव जीता था। वह मुंढाल विधानसभा सीट से साल 1967 में विधायक बने थे। इसके बाद वह राव वीरेंद्र सिंह की सरकार की कैबिनेट में स्वास्थ्य, कृषि एवं कानून मंत्री बने थे।

-दूसरी बार वह नारनौंद विधानसभा क्षेत्र से 1996 में हरियाणा विकास पार्टी से चुनाव जीतकर विधायक बने। इसके बाद बंसीलाल सरकार की कैबिनेट में बिजली, पब्लिक हेल्थ और पशुपालन मंत्री बनाए गए।

-25 जनवरी 1997 में उन्होंने बिजली निगम के निजीकरण के विरोध में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

-साल 1999 में बंसीलाल की सरकार टूट गई और जोड़ तोड़ कर ओमप्रकाश चौटाला ने सरकार बनाई। उसमें चौधरी जसवंत सिंह को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का मंत्री बनाया गया था। 

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