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हरियाणा के जींद स्थित नागरिक अस्पताल चिकित्सकों के अभाव में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने में नाकाम साबित हो रहा है। अस्पताल में 55 डॉक्टरों की जरूरत है, जबकि 27 के सहारे काम किया जा रहा है।

Jind: नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों के अभाव में स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करना बेमानी हो रहा है। वर्तमान में नागरिक अस्पताल पहले ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा था। वहीं अब तीन चिकित्सकों की ट्रांसफर हो गई है, जिन्हें रिलीव किया जा चुका है। इसके अलावा एक चिकित्सक ने वीआरएस के लिए अप्लाई किया हुआ है और एक चिकित्सक ने ट्रांसफर अप्लाई किया है। इन चिकित्सकों में तीन स्पेशलिस्ट चिकित्सक शामिल हैं। ऐसे में अस्पताल में आईसीयू को शुरू करने की बात भी बेमानी साबित हो रही है। वहीं अस्पताल में लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या को देखते हुए चिकित्सकों की कमी को शीघ्र पूरा करना होगा।

अस्पताल में 55 चिकित्सकों की आवश्यकता, काम कर रहे मात्र 27

जिला मुख्यालय पर 1975 में नागरिक अस्पताल की शुरूआत हुई थी। उस समय से लेकर आज तक जिले में चिकित्सकों की कमी कभी भी दूर नहीं हुई। जींद अस्पताल की बात की जाए तो यहां 55 चिकित्सकों की आवश्यकता है लेकिन इस समय मात्र 27 चिकित्सक नियमित तौर पर काम कर रहे हैं। पांच चिकित्सक एनएचएम के तहत कार्यरत हैं। तीन चिकित्सक अब अस्पताल को छोड़ गए हैं। इनमें एक डॉ. गितांशु आई स्पेशलिस्ट, डॉ. पूनम आपातकाल व डॉ. सीमा वशिष्ठ बच्चों की चिकित्सक है। जिला मुख्यालय पर 200 बैड का अस्पताल बना हुआ है। वहीं, सफीदों, नरवाना तथा उचाना सब डिविजन पर 100-100 बैड के अस्पताल हैं।

बिना चिकित्सकों के कैसे चलेगा आईसीयू

नागरिक अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में आईसीयू बन कर तैयार है लेकिन बिना चिकित्सकों के इसे शुरू कर पाना बेहद कठिन है। आईसीयू चलाने के लिए 20 स्टाफ नर्स की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा 20 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ की भी जरूरत होगी। अस्पताल में पहले ही स्टाफ की कमी है। नागरिक अस्पताल में 151 स्टाफ नर्स के पद स्वीकृत हैं। इनमें से 99 ही कार्यरत हैं। आईसीयू चलाने के लिए हर समय कम से कम चार स्पेशलिस्ट चिकित्सक भी चाहिए।

हर दिन हजारों की संख्या में होती है ओपीडी

नागरिक अस्पताल में ओपीडी की बात की जाए तो प्रतिदिन 1200 तक की ओपीडी होती है। सोमवार व मंगलवार को ओपीडी की संख्या 1800 से दो हजार तक पहुंच जाती है। ऐसे में सुबह होते ही चिकित्सकों के कमरे के आगे मरीजों की लाइन लग जाती है। रोजाना सैंकड़ों मरीज इलाज के लिए दूर-दूर के गांवों से सिविल अस्पताल पहुंचते हैं लेकिन डॉक्टरों की कमी से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

चिकित्सकों की कमी के बावजूद बेहतरीन सुविधाएं दे रहे : डॉ. गोपाल

सिविल सर्जन डॉ. गोपाल ने बताया कि विशेषज्ञों व चिकित्सकों की कमी के बावजूद भी चिकित्सकों द्वारा अस्पताल में उपचार की बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं। तीन चिकित्सकों की ट्रांसफर हुई है और उन्हें रिलीव किया जा चुका है। स्वास्थ्य निदेशालय से समय-समय पर चिकित्सकों तथा अन्य कर्मचारियों की मांग की जाती है। अगर चिकित्सकों की कमी की मांग पूरी हो जाए तो और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं जिले के लोगों को मिल सकती हैं।

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