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हरियाणा के जींद स्थित सिविल अस्पताल की नई बिल्डिंग में सीसीटीवी की सुरक्षा राम भरोसे है। कैमरे बंद पड़े है। कैमरों में कोई खराबी नहीं है, लेकिन उन्हें शुरू करने में कांट्रेक्ट आड़े आ रहा है। ऐसे में अस्पताल की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।

Jind: जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल नई बिल्डिंग की थर्ड आई सुरक्षा पिछले पांच माह से राम भरोसे है। नई बिल्डिंग में लगाए गए सीसीटीवी बंद पड़े हैं। अब अगर अस्पताल में चोरी या फिर कोई अन्य वारदात होती है तो सीसीटीवी फुटेज को नहीं देखा जा सकता। हालांकि कैमरों में कोई खराबी नहीं आई, बल्कि इन्हें शुरू करने के लिए किया गया कांट्रेक्ट आड़े आ रहा है। ऐसे में यदि कोई घटना होती है तो आरोपितों को पहचाना नहीं जा सकता।

पीएमओ कार्यालय की तरफ से पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विभाग को लिखा पत्र

नागरिक अस्पताल के पीएमओ कार्यालय की तरफ से पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विभाग को लिखे गए पत्र में कहा गया कि इलेक्ट्रिकल इक्यूपमेंट की सूची के अनुसार 3241693 लाख का बजट 15 दिसंबर को ट्रांसफर कर दिया गया था। सूची में शामिल सीसीटीवी सिस्टम, ईपीबैक्स एवं लेन सिस्टम, सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम, फायर अलार्म, स्ट्रीट एंड सिक्योरटी लाइट, सोलर लाइट्स एंड वाटर कूलर इनबिल्ट आरओ चालू हालात में नहीं हैं। इसलिए इन्हें तुरंत प्रभाव से सुचारू रूप से चलाया जाए।

नागरिक अस्पताल की नई बिल्डिंग में लगाए गए 10 से 12 जगह कैमरे

नागरिक अस्पताल में सुरक्षा की दृष्टि से जगह-जगह कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं। इन कैमरों पर नजर रखने के लिए डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला के कमरे में एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं। जब भी कोई वारदात होती है तो इन कैमरों के माध्यम से सीसीटीवी फुटेज को देखा जाता है। इसके लिए स्पेशल कर्मियों की डयूटियां भी लगाई गई हैं। पिछले पांच माह से यह कैमरे बंद हैं। यह कैमरे तो नागरिक अस्पताल के हैं लेकिन इन कैमरों का रखरखाव का ठेका दिया गया है। पहले ठेका अवधि समाप्त हो चुकी थी, जिसके चलते कैमरे बंद थे। इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारियों ने मुख्यालय से बजट मांगा, जो मिल भी गया। बजट को पीडब्ल्यूडी विभाग को ट्रांसफर भी कर दिया गया। बावजूद इसके कैमरे बंद हैं।

वाहन चोरी व जेब तराश की होती रहती हैं वारदातें

नागरिक अस्पताल में वाहर चोरी होना तो आम बात है। इसके अलावा दवा व ओपीडी पर्ची के लिए लगी लाइनों में भी कई बार जेब तराश वारदात को अंजाम दे देते हैं। साथ ही ठेके पर लगे कर्मियों व आउटसोर्स कर्मियों पर नजर रखने के लिए भी कैमरों का प्रयोग किया जाता है। जब भी अस्पताल में कोई वारदात होती है तो सबसे पहले कैमरों को ही खंगालने का काम किया जाता है। अब जब कैमरें खराब हैं तो चोरों को पकड़ने के लिए लगाए गए यह कैमरे किसी के काम के नहीं रहे।

व्यवस्थाओं को लेकर कई तरह के रखरखाव के कार्य ठेके पर 

नागरिक अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर कई तरह के रखरखाव के कार्य ठेके पर दिए गए हैं। इन कार्यों को लेकर एजेंसी को ठेका दिया जाता है। इसके लिए 32 लाख 41 हजार रुपए का ठेका होता है। प्रधान चिकित्सा अधिकारी ने यह बजट मांगा था, जो मिल गया था। इस बजट से अस्पताल में अन्य कार्यों को किया गया लेकिन थर्ड आई पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते यह बंद है।

जल्द शुरू करवाए जाएंगे कैमरे 

नागरिक अस्पताल के सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है। अस्पताल में लगे सीसीटीवी को भी शीघ्र शुरू करवाया जाएगा। इसके अलावा जो अन्य कार्य हैं, उन्हें भी तुरंत प्रभाव से सुचारू करवाया जाएगा।

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