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हरियाणा के स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के परिणाम में रोहतक प्रदेश में पहले व राष्ट्रीय स्तर पर 109वें स्थान पर रहा। प्रदेश की राजधानी से सटा पंचकूला और पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल का गृह क्षेत्र आदमपुर् क्रमश 68 व 69वीं रैंक के साथ पिछड़कर अंतिम दो स्थानों पर रहे। 

Rothak/Sonipat: केंद्रीय शहरी आवास मंत्रालय ने वीरवार को स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के परिणाम घोषित कर दिया। प्रदेश में गुरुग्राम को पछाड़कर रोहतक प्रदेश में पहली व राष्ट्रीय स्तर पर 109वीं रैंकिंग के साथ टॉप पर पहुंचने में सफल रहा। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजन लाल का गृह क्षेत्र आदमपुर प्रदेश में सबसे नीचले पायदान पर रहा। स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता का शहर अर्थात फिरोजा नगरी हिसार 7वीं रैंक के साथ प्रदेश में सातवें स्थान पर रहा।

सफाई के मामले में पिछड़ रहा सोनीपत, मिली 260वीं रैंक 

सोनीपत नगर निगम स्वच्छता के मामले में पिछड़ता जा रहा है। प्रदेश भर में 12वां स्थान प्राप्त करने वाले सोनीपत ने स्वच्छता रैंकिंग में देशभर में 260वां स्थान प्राप्त किया है, जो पिछले वर्ष की रैंकिंग से 21 पायदान नीचे है। एक साल पहले जारी की गई स्वच्छता रैंकिंग में सोनीपत ने 239वां स्थान प्राप्त किया था। सोनीपत के लगातार पिछड़ने का कारण नगर निगम क्षेत्र में शौचालयों की सफाई न होना है, वहीं सार्वजनिक शौचालयों पर लटके ताले भी एक बड़ा कारण हैं।

5 जनवरी को शहरी विकास मंत्रालय ने एक स्टार रेटिंग का दिया था तमगा 

शहरी विकास मंत्रालय की ओर से स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद पांच जनवरी को कूडा मुक्त शहरों की सूची में सोनीपत शहर को पहली बार एक स्टार रेटिंग का तमगा दिया गया। स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में सोनीपत शहर पिछले साल के मुकाबले 21 पायदान नीचे लुढ़क गया। घर-घर कूड़ा एकत्रित करने में 32 फीसदी, आवासीय क्षेत्र में सफाई 16 फीसदी, मार्केट क्षेत्र में सफाई  पर 15 फीसदी, जल निकायों की स्वच्छता पर 50 फीसदी, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई पर 33 फीसदी अंक हासिल हो सके।

गोहाना शहर को राज्य में मिला पहला स्थान

गोहाना नगर परिषद क्षेत्र में शहर को राज्य में पहला स्थान मिला। वहीं देशभर में 1071 रैंक मिला। इसके अलावा नॉर्थ जोन में 24वां स्थान हासिल किया। गोहाना नगर परिषद को ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा भी प्राप्त है। गोहाना को रोहतक के समान प्रदेश में प्रथम स्थान दिया गया है। बता दें कि सोनीपत की सफाई व्यवस्था को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठाए जा चुके हैं। पार्षद भी निगम हाउस की बैठक में इस बारे में अपना विरोध जता चुके हैं। बैठकों में ठेका कंपनी को लचर सफाई व्यवस्था का जिम्मेदार ठहराया गया था।

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