Kurukshetra News: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की कि कुरुक्षेत्र के पास पीपली में संत रविदास तथा सिख गुरुओं की स्मृति में स्मारक बनाए जाएंगे, ताकि लोग उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा ले सकें। श्रद्धालुओं को कुरुक्षेत्र के पास 48 कोस के तीर्थों का भ्रमण करवाने के लिए जल्द ही बसों की सुविधा शुरू कीी जाएगी। वे कुरुक्षेत्र में 48 कोस तीर्थ सम्मलेन के दौरान बोल रहे थे।
उन्होंने 48 कोस क्षेत्र में आने वाले तीर्थों से कलश के माध्यम से लाई गई मिट्टी को पवित्र बताते हुए नमन किया और कहा कि ये सभी तीर्थ स्थल प्रेरणा के स्रोत हैं। उन्होंने भगवद गीता और 48 कोस तीर्थों के पास होने को एक अनूठा संगम बताया और कहा कि गीता का सन्देश सार्वभौमिक, शाश्वत और सार्वकालिक है। उन्होंने कुरुक्षेत्र की भांति 48 कोस की परिधि में आने वाले तीर्थों को पुण्य की धरती बताया और कहा कि राज्य सरकार इन तीर्थों को भी विकसित कर रही है। पावन सरस्वती एवं दृषद्वती नदियों के बीच स्थित कुरुक्षेत्र की 48 कोस भूमि में 367 तीर्थ स्थल हैं, जिनमें से कुछ लुप्त हो चुके हैं। हम इन तीर्थों का जीर्णोद्धार कर इनके वैभव को पुनः स्थापित करने के लिए कृतसंकल्प हैं।
उन्होंने बताया कि हाल में ही 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि के 164 तीर्थों की सूची में सर्वेक्षण एवं दस्तावेजीकरण के पश्चात 18 नए तीर्थों को जोड़ा गया है, जिससे अब इस भूमि के तीर्थों की कुल संख्या 182 हो चुकी है। तीर्थों के सर्वेक्षण और दस्तावेजीकरण का यह कार्य अभी भी निरन्तर जारी है और निकट भविष्य में इस सूची में ओर भी तीर्थों के जुड़ने की सम्भावना है। उन्होंने बताया कि 2017 और 2018 में 48 कोस की परिक्रमा में स्थित अनेक तीर्थों पर जाकर उनके दर्शन किए और उनके विकास की घोषणाएं भी की। उनके द्वारा घोषित 27 विकास कार्यों की लागत लगभग 36 करोड़ रुपए बनती है। इनमें से 23 करोड़ रुपए विकास कार्यों पर खर्च किए जा चुके हैं। 27 में से 15 कार्य पूरे हो चुके हैं, 6 पर काम चल रहा है और शेष 6 पर भी काम शुरू हो गया है।
उन्होंने बताया कि 6 अप्रैल को सरस्वती तीर्थ पेहोवा के जीर्णोद्धार और सरस्वती द्वार के निर्माण की घोषणा की थी। इसके विकास पर 10 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान है। इनके अलावा पिछले चार साल में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड को 64 विकास कार्यों के लिए 51 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसमें से लगभग 28 करोड़ रुपए की राशि जारी की जा चुकी है। इसमें से 15 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं तथा 20 कार्य पूरे हो चुके हैं व 27 पर काम चल रहा है। 15 करोड़ 66 लाख रुपए लागत के 18 अन्य विकास कार्यों की स्वीकृति दी है। इन पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि ब्रज भूमि की 84 कोसी यात्रा की तर्ज पर 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि में स्थित तीर्थों की यात्रा शुरू की जाए। यहां पर इन तीर्थों को जोड़ने के लिए बसें चलाई जाएंगी, जिनमें गाइड भी मौजूद रहेंगे जो यात्रियों को इन स्थलों की महत्ता से अवगत करवाएंगे। धर्मक्षेत्र - कुरुक्षेत्र को भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा और धार्मिक स्थल हरिद्वार से जोड़ने के लिए इन मार्गों पर ट्रेन चलाई गई है। उन्होंने कुरुक्षेत्र, ज्योतिसर एवं आस -पास के क्षेत्र में सरकार द्वारा करवाए गए धार्मिक विकास कार्यों की विस्तार से जानकारी दी और कहा कि निश्चित तौर पर जल्द ही कुरुक्षेत्र को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान मिलेगी।