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CM Nayab Saini and Bhajanlal Sharma Meeting: यमुना जल समझौते को लेकर हरियाणा के सीएम सैनी और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने मुलाकात की। जल्द इसको लेकर डीपीआर तैयार की जाएगी।

CM Nayab Saini and Bhajanlal Sharma Meeting: मंगलवार को देर शाम केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की बैठक हुई। इस बैठक में हरियाणा के हथिनीकुंड से राजस्थान को यमुना नदी का सरप्लस पानी देने को लेकर बातचीत की गई। इसको लेकर जल्द हरियाणा और राजस्थान के अधिकारियों की संयुक्त टास्क फोर्स गठित की जाएगी। इसके बाद इस योजना की  DPR विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। 

सीएम सैनी ने दी जानकारी

इस मामले को लेकर सीएम सैनी ने मीडिया से बातचीत की। सीएम सैनी ने बताया कि बैठक में यमुना जल समझौते पर बातचीत की गई। इसको लेकर जल्द संयुक्त टास्क फोर्स टीम बनाई जाएगी, ताकि जल्द डीपीआर तैयार की जा सके। सीएम ने कहा कि इस योजना में अपर यमुना रिवर बोर्ड भी तकनीकी मदद करेगा। बरसात के मौसम में यमुना में जो अतिरिक्त पानी बहता है। इस योजना से इस पानी का इस्तेमाल राजस्थान के कई अलग-अलग जिलों में पेयजल आपूर्ति किया जा सकेगा। 

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समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

सीएम सैनी ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ बैठक हुई और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की पहल पर दोनों राज्यों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इस समझौता ज्ञापन को लेकर अग्रिम कार्रवाई को लेकर भी चर्चा की गई। इसके अलावा हरियाणा के कई अलग-अलग क्षेत्रों में सेम की समस्या के समाधान को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से तकनीकी सहयोग की मांग की गई है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने जल्द समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है। इस संबंध में जल्द एक तकनीकी टीम हरियाणा भेजी जाएगी। 

मनोहर लाल खट्टर ने की थी पहल

बता दें कि यमुना जल समझौते को लेकर 11 महीने पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहल की थी। तब तत्कालीन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री भैरो सिंह की अध्यक्षता में बैठक की गई थी और इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी मौजूद थे। इस दौरान तय किया गया था कि जरूरत के अनुसार पानी लेने के बाद हथिनी कुंड से जो पानी बचेगा, वो राजस्थान को दिया जाएगा।  तब दोनों राज्यों के बीच तय किया गया था कि बरसात के मौसम में यमुना का अतिरिक्त पानी हरियाणा की तरफ से राजस्थान को दिया जाएगा और राजस्थान इस पानी को स्टोर करेगा और राजस्थान इस पानी को पीने के लिए स्टोर करेगा।

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