CM Saini Met Nayanpal Rawat: हरियाणा में जेजेपी से गठबंधन टूटने के बाद से बीजेपी की सरकार निर्दलीय विधायकों मिल रहा है, लेकिन बुधवार को अचानक ही एक खबर ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी। कहा जा रहा है कि निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत सुबह अचानक ही अधिकारियों की कार्य प्रणाली को लेकर नाराज हो गए। इसके बाद उन्होंने ये भी कह दिया की वह आज गुरुवार को इसे लेकर कोई बड़ा फैसला करेंगे। चर्चा शुरू होने लगी की नयनपाल रावत बीजेपी से अपना समर्थन वापस ले ने वाले हैं।
बुधवार शाम होते ही विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने नयनपाल रावत को सीएम नायब सिंह सैनी से मिलवाया। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने भी उनसे फोन पर बात की। इसके बाद रावत ने खुद इस बात से इनकार किया कि वह बीजेपी का साथ नहीं छोड़ रहे हैं।
इन विधायकों का छुटा साथ
बता दें की राज्य में विधानसभा में 90 सीटें हैं। बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के मृत्यु, रानियां क्षेत्र से विधायक रणजीत चौटाला के इस्तीफे और वरुण चौधरी के सांसद बनने के बाद से विधानसभा में 87 विधायक बचे हैं। इसके चलते बहुमत का आंकड़ा 46 से घटकर 44 हो गया है। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में 7 निर्दलीय विधायकों ने जीत हासिल की थी।
उस समय लगभग सभी निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी का साथ दिया था। वहीं, किसान आंदोलन के समय महम से विधायक बलराज कुंडू ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया था। इस साल के लोकसभा चुनाव से पहले 3 निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, धर्मपाल गोंदर और सोमवीर सांगवान ने बीजेपी से अपना समर्थन वापस ले लिया और कांग्रेस में को अपना समर्थन दे दिया।
Also Read: हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान, रिटायर्ड सैनिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा को करेंगी सुनिश्चित
बीजेपी रावत को मनाने में सफल हुई
अब जाकर अंत में सरकार के साथ सिर्फ एक निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ही बच्चे हैं। इसलिए रावत की नाराजगी के बाद चर्चा शुरू हो गई थी और कहा जा था की रावत अपना समर्थन कांग्रेस को दे सकते हैं। हालांकि ऐसा नहीं हुआ और बीजेपी सरकार उन्हें मनाने में कामयाब हो गई।