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मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि जिन हजारों युवाओं ने सीईटी के बल पर नौकरी प्राप्त की है, किसी को भी नौकरी से निकलने नहीं दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर विधानसभा में विधेयक लाने औऱ रिव्यू में जाने दोनों ही विकल्प खुले हुए हैं। 

Haryana: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने साफ कर दिया कि जिन हजारों युवाओं ने सीईटी के बल पर नौकरी प्राप्त की है, किसी को भी नौकरी से निकलने नहीं दिया जाएगा। कांग्रेस के लोग फैसले पर औच्छी राजनीति करते हुए भ्रम व झूठ फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने साफ कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन अंत्योदय की नीति पर चलते हुए हम जरूरत पड़ने पर विधानसभा में विधेयक लाने औऱ रिव्यू में जाने दोनों ही विकल्प खुले हुए हैं।

गरीब वर्गों के कल्याण के लिए लिया था 5 नंबर का निर्णय

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि सरकार ने गरीब वर्गों के कल्याण के लिए फैसला लिया था, जिसमें घूमंतू जातियों और अति गरीबों को सामाजिक आर्थिक आधार पर पांच नंबर देने का फैसला लिया था, जिस पर हम कायम हैं। इसके लिए अगर विशेष सत्र बुलाकर विधेयक लाने के साथ-साथ रिव्यू पिटीशन को लेकर भी विचार चल रहा है। यहां पर उल्लेखनीय है कि राज्य की हरियाणा सरकार की नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंक देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सरकार ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) में 1.80 लाख सालाना आय वाले परिवार को आरक्षण दिया था। इसमें परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) वाले युवाओं को ही फायदा दिया जाता था। इससे पहले पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

तीन माह में 50 हजार नौकरियां देने का वादा

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि हमने तीन माह के अंदर पचास हजार नौकरियां देने की तैयारी कर ली है। सभी विभागों से डिमांड मंगाई गई है, साथ ही आयोग को प्रक्रिया तेज करने के लिए कहा गया है। सैनी ने कहा कि सरकार अंत्योदय की भावना से नीतियां बनाती है, जिन परिवारों में नौकरी नहीं, अति गरीब हैं। इस तरह के परिवारों को ऊपर उठाने का काम हम करते रहेंगे।

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