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Haryana Politics: कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा के वस्त्र पहनने को लेकर सियासत गरम हो गई है। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने ऐलान कर दिया है कि अगर कांग्रेस विधायक चोगा रूपी सफेद वस्त्र धारण कर विधानसभा में आते हैं तो उन्हें एंट्री नहीं मिलेगी।

Haryana Politics: एनआईटी फरीदाबाद से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा के वेशभूषा को लेकर शुरु हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल कांग्रेस विधायक ने अपनी विधानसभा के विकास कार्यों के लिए मंजूर धनराशि जारी नहीं होने के विरोध में सामान्य वस्त्रों का त्यागकर चोगा रूपी सफेद वस्त्र धारण कर रखे हैं, जिन पर रामायण की चौपाई और कबीर के दोहों के साथ ही भगवान श्रीराम का नाम लिखा है। अब विधानसभा स्पीकर ने इस वेशभूषा में विधायक को बजट सत्र के दौरान विधानसभा में प्रवेश नहीं देने की बात कही है। 

चोगा रूपी वस्त्र पहन कर आने पर सदन में नहीं मिलेगी एंट्री

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि सदन की एक मर्यादा है, जिसका पालन करना होगा। कोई विषय अथवा समस्या होगी, तो उस पर विचार किया जा सकता है, लेकिन विधानसभा को मजाक का विषय समझने वालों पर एक्शन होगा। कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा द्वारा अपने क्षेत्र की समस्याओं वाला कफन से बने कपड़े पहनकर अथवा तुलसी की चौपाईयां, जय सियाराम लिखवाकर लाए, तो सदन में नो-एंट्री होगी।

नीरज शर्मा की ये है मांग

हिदायत देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने साफ कर दिया है कि नीरज शर्मा को मर्यादा में रहकर सदन के अंदर ठीक कपड़ों में आना होगा। विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा में दिए गए कांग्रेसी विधायक को सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार वापस लेने का ऐलान भी कर सकते हैं। बताते चलें कि एनआईटी क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर मंजूर राशि जारी नहीं होने के विरोध में नीरज शर्मा रोजमर्रा के कपड़े छोड़कर लुंगी और ऊपर भी सफेद कपड़े लपेटे हुए हैं। कपड़ो पर जय श्री राम और कहीं अन्य तरह के स्लोगन लिखे हैं। 

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गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने से रोका गया था

इससे पहले भी नीरज शर्मा सत्र के दौरान नंगे पैर रहकर क्षेत्र में विकास को लेकर विरोध जाहिर कर चुके हैं। इस बार के गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में भी नीरज शर्मा को 26 जनवरी के दिन राज्यपाल के कार्यक्रम में रोक दिया गया था। क्योंकि वे अजीबोगरीब कपड़े पहनकर पानीपत पहुंचे थे। इसके बाद पुलिस ने एंट्री नहीं दी और उनकी ड्रेस को लेकर आपत्ति जताई।

क्या बोले विधानसभा अध्यक्ष

हरिभूमि से बातचीत के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नीरज शर्मा को साफ कर दिया है कि वह सामान्य ड्रेस में होंगे तो ही विधानसभा परिसर में प्रवेश होगा। उनको सदन की गरिमा का ख्याल रखना होगा, सदन की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेवारी केवल स्पीकर पर नहीं बल्कि हरियाणा विधानसभा के सदस्यों पर भी है। हम यहां पर किसी प्रकार से माहौल खराब नहीं होने देंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें खुद विचार करना चाहिए क्योंकि सर्वश्रेष्ठ विधायक का अवार्ड भी दिया था, यदि जिद और इस तरह की हरकतों पर चलते रहे तो उनके अवार्ड को लेकर पुनर्विचार किया जा सकता है।

गणतंत्र दिवस के दिन नीरज शर्मा को पुलिस ने हिरासत में लिया था

गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा सदस्य नीरज शर्मा को गणतंत्र दिवस के दिन पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। जिसके बाद में उन्होंने तमाम व्हाट्सएप ग्रुप में वीडियो वायरल किया। बाद में वहां नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा पहुंचे जिन्होंने नीरज को पुलिस हिरासत से अपनी गाड़ी में बैठकर आजाद कराया था।

'भाजपा का दोहरा चरित्र लोगो के सामने आ रहा'

सर्वश्रेष्ठ विधायक का अवार्ड वापस लेने के सवाल पर कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि अवॉर्ड की लालसा में सिद्धांतों से समझौता नहीं करूंगा। विधायक  ने कहा कि अवार्ड, सम्मान या पुरस्कार की महत्ता है, अपना एक स्थान है। लेकिन इस अवॉर्ड की लालसा में मैं अपने सिद्धांतों से समझौता कर लूं, ये मुझे मंजूर नहीं। पुरस्कार कर्तव्यनिष्ठा और जनता से प्राप्त समर्थन एवं स्नेह के बदौलत मिला था। कांग्रेस विधायक ने कहा कि अगर मैं अपने सिद्धातों से समझौता करता हूं तो इस पुरस्कार की गरिमा पर आंच आएगी।

उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार जनसेवा के लिए मिलता है, कठपुतली बनकर जनता को धोखा देने के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं क्योंकि जनता के मुद्दे को पकड़कर चलने का जो संस्कार मुझे कांग्रेस पार्टी से मिला है, उसको अमल में ला रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैंने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है कि लिखित में बताया जाए कि मेरे कपड़ों पर क्या अशोभनीय है? क्या असासंदीय है? क्या इस देश में प्रभु सियाराम का नाम, स्वास्तिक का निशान, रामायण की चौपाई, दोहे अमर्यादित है? विधायक ने पत्र लिखकर स्पीकर से मिलने का समय मांगा है।

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