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हरियाणा में एग्जिट पोल के नतीजे को सिरे से नकारते हुए हरियाणा की जनता ने अबकी बार भाजपा सरकार की हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने का काम किया। भाजपा ने तीसरी बार सरकार बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही नई सरकार का गठन हो जाएगा।

योगेंद्र शर्मा, चंडीगढ़: आखिरकार हरियाणा में एग्जिट पोल के नतीजे को सिरे से नकारते हुए हरियाणा की जनता ने अबकी बार भाजपा सरकार की हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने का काम किया। कांग्रेस के अति आत्मविश्वास और दावों के विपरीत हरियाणा में एक बार फिर कमल खिल गया। हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसका पूरा श्रेय हरियाणा की जनता और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। कुल मिलाकर हरियाणा में भाजपा की हैट्रिक लगाने का सपना पूरा हो चुका है।

लोकसभा में 5 सीटें हारने के बाद भाजपा ने बदली रणनीति

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की हैट्रिक और लोकसभा चुनाव में पांच सीटों के नुकसान के बाद सचेत हुए भारतीय जनता पार्टी के सियासी दिग्गजों ने रणनीति में बदलाव कर दिया। इसके साथ ही इस जीत को लेकर हरियाणा में कांग्रेस नेता भी अति उत्साहित दिखाई दिए।हरियाणा में भाजपा द्वारा रणनीति बदल दिए जाने के बाद कामयाब हुए नेताओं ने इस हैट्रिक को जनता और भाजपा सरकार की नीतियों की जीत बताया।

मुख्यमंत्री बदलना रणनीति का हिस्सा

सूबे में मुख्यमंत्री बदलने का फैसला भी बदली हुई रणनीति का हिस्सा रहा। हाई कमान का फैसला इस हैट्रिक के बाद में ठीक रहा है। करनाल सीट से सांसद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को केंद्र में मंत्रालय दिया गया, लेकिन नायब सिंह सैनी ने भी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कमान संभालने के बाद रात दिन पसीना बहाकर कमल खिलाने में सफलता प्राप्त की। यहां पर बता दें कि भारतीय जनता पार्टी हाई कमान ने इसी साल मार्च माह में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बदलकर उनके स्थान पर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया था। यहां पर यह भी याद रहे कि मुख्यमंत्री नायब सैनी कुरुक्षेत्र सीट से सांसद थे, जिनको करनाल में मनोहर लाल की सीट पर उपचुनाव लड़वाया गया, वहीं से वे विधायक बने थे।

हरियाणा में खेला ओबीसी कार्ड

भाजपा की तरफ से अहम बात यह रही कि मनोहर लाल खट्टर जहां पंजाबी समुदाय से आते थे, वहीं नायब सिंह सैनी को सीएम बनाकर भारतीय जनता पार्टी हाई कमान ने प्रदेश के अंदर ओबीसी कार्ड खेलने का काम किया। मनोहर लाल को बदलकर केंद्र में भेजने के बाद नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया, जो भाजपा के लिए परिणाम को देखते हुए फायदे का सौदा साबित हुआ है।

गलत साबित हो गए एग्जिट पोल

कांग्रेस पार्टी को एग्जिट पोल में प्रचंड बहुमत देने वाले दर्जन भर सर्वे एजेंसियों के दावे हवा में उड़ गए। इतना ही नहीं सोशल मीडिया और कई मंचों से हरियाणा में भाजपा का सूपड़ा साफ करने के दावे करने वाले राजनीतिक विश्लेषकों के भी परिणाम आने के बाद मुंह बंद हो चुके हैं। खास बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार कमल खिलाने में सफलता प्राप्त की है, यह भी बिना किसी सहारे। 2014 और 2019 से भी बड़ी जीत हासिल करने को लेकर भाजपा में एक बार फिर से खुशी का माहौल है।

विपक्ष नहीं बना सका पहलवान व अग्निवीर को मुद्दा

हरियाणा में अग्निवीर योजना में युवाओं की भर्ती और पहलवानों के आंदोलन को मुद्दा बनाना कांग्रेस के लिए कोई फायदे का सौदा साबित नहीं हुआ। इतना जरूर है कि पहलवान विनेश फोगाट कांग्रेस के टिकट पर विधायक बन चुकी है। कांग्रेस पार्टी के जाट समुदाय की नाराजगी के दावे भी हैट्रिक ने हवा में उड़ा दिए हैं। भाजपा प्रदेश के अंदर ओबीसी कार्ड खेलकर प्रदेश के वोटरों को साधने में सफल रही है। यहां बता दें कि हरियाणा में लगभग 40 फ़ीसदी ओबीसी, 25 फीसदी जाट, 20 फीसदी दलित और बाकी अन्य समुदायों के वोटर हैं। जबकि सात फीसदी मुस्लिम समुदाय से आते हैं।

कई राज्यों में सीएम बदलने का फार्मूला रहा हिट

भारतीय जनता पार्टी द्वारा कई राज्यों में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने का फार्मूला पूरी तरह से हिट रहा। इसमें सबसे पहले बात करें, तो उतराखंड, गुजरात, त्रिपुरा, कर्नाटक और अब हरियाणा में सीएम का चेहरा बदलकर सत्ता के विरुद्ध पैदा हुई विरोधी लहर को कम करने का काम किया गया है। इतना ही नहीं, बहुत ही कम वक्त के लिए सीएम बने नायब सैनी ने घोषणाएं करने और लोगों से फील्ड में मिलने, मुख्यमंत्री आवास के गेट 24 घंटे खोलने का काम किया था। बडी संख्या में सीएम नायब सिंह सैनी ने कच्चे कर्मियों को पक्के करने का फैसला भी लिया था, जिसका भी प्रदेश में अच्छा खासा प्रभाव हुआ।

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