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नूंह में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की विशेष पोक्सो अदालत ने करीब आठ वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के एक दोषी को बीस वर्ष कारावास व 21 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।

Nuh :  नूंह में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की विशेष पोक्सो अदालत ने करीब आठ वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के एक दोषी को बीस वर्ष कारावास व 21 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को छह महीने अतिरिक्त जेल काटनी होगी। दोषी ने करीब पांच वर्ष पहले थाना फिरोजपुर के अंतर्गत वारदात को अंजाम दिया था। पीड़ित पक्ष को भी क्षतिपूर्ति के रूप में अदालत के आदेश पर छह लाख रुपए की मदद की जाएगी।

बच्ची को घर से उठाकर दिया था वारदात को अंजाम

विशेष पोक्सो अदालत के विशेष अभियोजक आकाश तंवर ने बताया कि मई 2019 में एक आठ वर्षीय बच्ची अपने घर पर खेल रही थी। जबकि परिजन मजदूरी के लिए बाहर थे। इस दौरान 40 वर्षीय रघुवीर बच्ची को जबरन घर से उठा ले गया। फिर मारपीट और गला दबाते हुए दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। बच्ची बुरी तरह घायल हो गई। परिजनों को स्थानीय लोगों के माध्यम से बच्ची के साथ हुई वारदात की जानकारी मिली तो फ़िरोज़पुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत इस संदर्भ में गंभीरता दिखाते हुए आरोपी रघुवीर के विरुद्ध केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। नियम अनुसार दुष्कर्म पीड़िता बच्ची की चिकित्सीय जांच कराई तो आरोपी से पूछताछ के बाद घटनास्थल पर ले जाकर निशानदेही कराई। इसके साथ-साथ पुलिस ने सभी जरूरी साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए।

5 साल बाद पीड़िता को मिला न्याय

विशेष अभियोजक ने बताया कि इस गंभीर मामले में गवाहों के बयानों के साथ-साथ जुटाए गए सभी जरूरी साक्ष्यों की अदालत में मजबूती से पैरवी की गई। करीब पांच वर्ष तक अदालत में मामले की सुनवाई चली। इस मामले में खास बात यह रही कि गिरफ्तारी के बाद दोषी को एक बार भी अदालत ने जमानत नहीं दी। बीते 25 जनवरी को आरोपी रघुवीर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की विशेष पोक्सो अदालत ने दोषी करार दिया। सोमवार को 20 वर्ष का कारावास व 21 हजार रुपए जुर्माने की सजा दी गई। जुर्माना न भरने पर दोषी को छह महीने अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

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