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हरियाणा के लोहारू में सीआरपीएफ जवान का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद चार दिन पहले ही छुट्टर पूरी करके ड्यूटी पर रायपुर जा रहा था। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए एसडीएम सहित अनेक गांवों के ग्रामीण पहुंचे।

लोहारू/भिवानी: उपमंडल के झुप्पा कलां गांव से अपनी करीब चार सप्ताह की छुट्टी पूरी करके ड्यूटी पर रायपुर जा रहे सीआरपीएफ के जवान प्रवीण का चार दिन बाद ही पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपट कर गांव पहुंच गया। जवान शहीद प्रवीण कुमार को सैन्य सम्मान के साथ आसमान में गोलियां दागकर सलामी दी गई। वहीं प्रशासन की ओर से एसडीएम अमित कुमार ने पुष्प चक्र भेंट कर शहीद प्रवीण कुमार को श्रद्धांजलि दी। शहीद प्रवीण कुमार के पार्थिव शरीर को देखकर परिजनों की ही नहीं बल्कि पूरे गांव के लोगों की आंखें नम थी। वहीं लाडले पर ग्रामीणों को गर्व भी महसूस हो रहा था।

गुरिल्ला युद्ध कमांडा ईकाई कोबरा में तैनात था शहीद प्रवीण

शहीद प्रवीण कुमार सीआरपीएफ की विशेष गुरिल्ला युद्ध कमांडो इकाई कोबरा अर्थात बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन के कमांडो थे। शहीद प्रवीण बहादुर जवान था, वह क्षेत्र के युवाओं के लिए हमेशा प्रेरणा स्त्रोत रहेगा। एसडीएम अमित कुमार ने बताया कि शहीद प्रवीण कुमार चार दिन पहले ही अपनी छुट्टी पूरी करके ड्यूटी के लिए रायपुर रवाना हुआ था। इस दौरान रास्ते में रेल की पटरियों के पास जवान प्रवीण घायल अवस्था में मिला, जिसे वहां के स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन दो दिनों के उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजन संदीप सिंह के अनुसार रेलगाड़ी में जवान प्रवीण पर किसी नक्सली हमले से इनकार नहीं किया जा सकता।

2011 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था शही प्रवीण

संदीप सिंह ने बताया कि शहीद प्रवीण कुमार उनका चचेरा भाई था और वह 2011 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। वर्तमान में वह कोबरा कमांडो इकाई में रायपुर में तैनात था। करीब 36 वर्षीय कमांडो प्रवीण तीन बहन भाईयों में सबसे छोटा था और अपने पीछे एक वर्षीय बेटा प्रयांग, 4 वर्षीय बेटी गरिमा, पत्नी राजेश कुमारी सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गया हैं। शहीद प्रवीण के पिता रामनिवास एक किसान हैं। शहीद प्रवीण को श्रद्धांजलि देने आसपास के दर्जन से भी अधिक गांवों के सैकड़ों युवा व ग्रामीण मौके पर पहुंचे और जवान को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

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