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हरियाणा के दातासिंह वाला बॉर्डर पर शांति बनी रही। किसानों ने सील बार्डर से दूरी बनाए रखी। बार्डर पर फोर्स अलर्ट रही और बॉर्डर पार निगाहबानी करती रही। खनौरी हाईवे पर डेरा डाले बैठे किसानों ने काला दिवस मनाया।

Jind: किसान आंदोलन पार्ट दो के चलते शुक्रवार को दाता सिंह वाला बार्डर पर शांति बनी रही। किसानों ने सील बार्डर से दूरी बनाए रखी। बार्डर पर फोर्स अलर्ट रही और बॉर्डर पार निगाहबानी करती रही। दातासिंह वाला खनौरी हाईवे पर डेरा डाले बैठे किसानों ने काला दिवस मनाया। किसानों ने पीएम तथा सीएम के खिलाफ नारेबाजी की। किसान नेताओं का आवागमन भी वहां जारी रहा। किसानों ने आंदोलन को लेकर रणनीतियां बनाई। वहीं पुलिस अधिकारियों ने अपनी रणनीति बनाई। दोनों पक्षों की नजरें सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत पर टिकी रही। पुलिस भी हाइवे पर लगातर नजर बनाए रही।

काले झंडे व काली पट्टी बांधकर मनाया काला दिवस

सील बॉर्डर के पार हाइवे पर कूच के लिए डेरा डाले बैठे पंजाब के किसानों ने शुक्रवार को काला दिवस मनाया। किसानों ने हाथों में काले झंडे उठा रखे थे ओर काली पट्टी बांधी हुई थी। किसानों ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद किसानों ने पीएम तथ सीएम के खिलाफ नारे लगाए। किसानों का कहना था कि वे शांतिपूर्ण अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे थे कि सरकार के इशारे पर उनके ऊपर गोलियां, आंसू गैस तथा लाठियां चलाई जा रही हैं।

हालातों पर हुआ मंथन, बनती रही योजनाएं 

बॉर्डर पर दोनों तरफ हालातों पर मंथन चलता रहा। दिल्ली कूच करने के लिए डेरा डाले बैठे किसान सील बार्डर से दूर रहे। नारेबाजी जरूर करते रहे लेकिन सील बॉर्डर की तरफ उकसावे का कार्य नहीं किया। बॉर्डर पर सफेद झंडा फहराता रहा। फोर्स भी सील बॉर्डर के पार बहुत कम रही। सील बॉर्डर पार पिछले दस दिनों में तीन बार पंजाब के किसानों तथा फोर्स के बीच टकराव हो चुका है। एक सप्ताह तक बॉर्डर पर शांति बनी रही थी। दो दिन पहले फिर से टकराव हो गया, जिसमें दोनों तरफ काफी नुकसान हुआ। पंजाब के एक किसान की मौत भी हिंसक झड़प के दौरान हो गई थी। दो दिनों से बॉर्डर पर शांति बनी हुई है। आगामी हालातों पर दोनों तरफ मंथन चलता रहा ओर योजनाएं भी बनती रही।

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