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हरियाणा के नारनौल में निंभोर गांव के खेतों में सोशल मीडिया पर टाइगर की सूचना से ग्रामीणों में हड़कंप मचा हुआ है। यहां एक नीलगाय मृत मिली, जिसकी गर्दन पर नाखूनों के निशान मिले। वन विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की।

मंडी अटेली/नारनौल: क्षेत्र से सटे राजस्थान के जखराणा स्थित सीआईएसफ कैंप के नजदीक निंभोर गांव के खेतों में सोशल मीडिया पर टाइगर की सूचना से ग्रामीणों में हड़कंप मचा हुआ है। अरावली की पहाड़ियां अटेली क्षेत्र के गांव कांटी, खेड़ी, नावदी, रामपुरा, बिहाली आदि से भी सटी हुई हैं। हालांकि अटेली क्षेत्र में बाघ की अभी किसी प्रकार की गतिविधि नहीं मिली है, लेकिन क्षेत्र से सटे राजस्थान में अरावली की पहाड़ियों में टाईगर की लोकशन से क्षेत्र के लोग सतर्क व सजग हो गए हैं। सोशल मीडिया पर सुबह से यह चर्चा जोरों पर चली कि बहरोड के सीआईएसफ सेंटर के पास टाइगर ने एक नीलगाय का शिकार किया है, जिसकी सूचना के बाद वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे।

टाइगर होने के नहीं मिले कोई सबूत

वन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि मौके पर टाइगर होने जैसे कोई भी सबूत नहीं मिले है। उधर बानसूर क्षेत्र के दूसरे गांव में एक तेंदुए का मूवमेंट दिखाई दिया है। एक दिन पहले रविवार को रामनगर गांव में तेंदुए ने खेत में काम कर रहे किसान पर हमला बोल दिया था। वहीं आज गांव महनपुर में सुबह 9 बजे पहाड़ी पर ग्रामीणों को तेंदुआ दिखाई दिया, जिसको लेकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। निंभोर गांव में खेत में मिली मृत नीलगाय एवं गर्दन पर दांतों के निशान से बाघ होने की सूचना से ग्रामीणों में हड़कंप मचा हुआ है।

रविवार को रामनगर के किसान पर किया था हमला 

वन्य कमी देवेंद्र ने बताया कि निमाड़ गांव के खेत में किसी जंगली जानवर ने नीलगाय का शिकार किया है। मौके पर टाइगर के पग मार्क नहीं हैं। नीलगाय के गर्दन पर दांतों के निशान हैं, जबकि उसे खाया नहीं गया, जो पग मार्क मिले हैं, उनमें आगे बड़े-बड़े नाखून हैं। पैर का साइज भी छोटा है, जो टाइगर के नहीं हो सकते। निंभोर गांव में एक सरसों के खेत में घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जमा होने से गांव निंभोर, अनंतपुरा, बसई, हमींदपुर, खोहर, गुगडि़या, लक्खीवास सहित आसपास की ढाणियों और गांवों के ग्रामीणों में भय बना हुआ है। यहां यह बता दे कि कुछ दिन पूर्व नांगल चौधरी के गांव नायन में एक तेंदुए को देखने का दावा किया गया था। हरियाणा के कांटी, खेड़ी, बिहाली, गणियार, बजाड़, कुंड, खोल सहित नायन और राजस्थान बहरोड़ के गांव तसींग के साथ पहाड़ी वन क्षेत्र काफी दूर तक कई हजार एकड़ जंगल व अरावली की पर्वत मालाएं फैली हुई है।

अभी नहीं लौटा है सरिस्का 

बता दें कि सरिस्का से निकला हुआ टाइगर एसटी 2303 अभी सरिस्का नहीं लौटा है। जबकि उसकी रविवार की लोकेशन सरिस्का के बिल्कुल नजदीक कोलान घाटी में थी। जो बफर जोन के आसपास कुछ दूरी पर ही है। उसने ततारपुर के पास रायपुर गांव में एक नीलगाय का शिकार किया था, जिसके शरीर को उसने पूरी तरह खा लिया और मुंह को छोड़ दिया। याद रहे कि वह करीब 5 दिन बहरोड़ क्षेत्र में घूमता रहा था, जिससे लोगों में दशहत बनी हुई है।

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