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कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने सीएम फेस को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आगामी चुनाव नहीं लड़ने वाला भी प्रदेश का मुख्यमंत्री बन सकता है।

Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी और  कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। दोनों ही पार्टियां इन दिनों उम्मीदवारों के नामों को फाइनल करने के लिए मंथन में लगी हुई है। जहां भाजपा पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि नायब सिंह सैनी ही प्रदेश में सीएम फेस के उम्मीदवार होंगे। वहीं हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने सीएम फेस को लेकर गोलमोल जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि जो नेता चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वो भी सीएम पद के दावेदार हो सकते हैं।

दरअसल, हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की 2 घंटे तक चली बैठक में गंभीर मंथन हुआ। उम्मीदवारों के चयन के लिए केंद्रीय चुनाव समिति की अगली बैठक 2 या 3 सितंबर को होगी। बैठक के बाद हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया ने मीडिया से बात की।  दीपक बावरिया ने कहा कि सभी 90 सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट एक साथ जारी की जाएगी। 

उन्होंने कहा जो उम्मीदवार 2 बार या इससे ज्यादा बार चुनाव हार चुके हैं, उनका टिकट कट सकता है।  स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान भी मौजूद रहे। दीपक बावरिया ने कहा कि चुनाव नहीं लड़ने वाला भी प्रदेश का मुख्यमंत्री बन सकता है। ऐसा नहीं है कि कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला सीएम का चेहरा नहीं हैं। हमने सिर्फ सांसद के चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। वह भी आगे सीएम फेस के दावेदार हो सकते हैं।

वहीं राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो ऐसा बयान हरियाणा में गुटों में बिखरी कांग्रेस के नेताओं को एकजुट करने के लिए हाईकमान की ओर से पैतरा हो सकता है। बाबरिया ने कहा कि कांग्रेस हरियाणा में किसी भी चेहरे को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं करेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव नहीं लड़ने वाले नेता भी हरियाणा में मुख्यमंत्री का चेहरा हो सकते हैं।

गुटबाजी खत्म करने में लगी कांग्रेस

हरियाणा में सीएम पद के दावेदारों के चलते कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर भी कोई फैसला नहीं हो पा रहा था। इसी के चलते कांग्रेस पहले प्रदेश में चल रही गुटबाजी पर अंकुश लगाना चाहती थी, क्योंकि गुटबाजी के चलते चुनाव के दौरान जहां पार्टी को भितरघात का खतरा था।

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वहीं, समर्थकों का टिकट कटने पर दिग्गज नेता बगावत करने के अलावा दूसरे नेता के उम्मीदवार के वोट काटने का भी काम कर सकते है। ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि एक से 3 सितंबर के बीच कांग्रेस की ओर से हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों की पहली लिस्ट फाइनल की जा सकती है।

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