Haryana: राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने राज्य सभा में सरकार से मांग की कि फौज में भर्ती अग्निवीरों को रेगुलर सैनिक के तौर पर पक्का किया जाए और अग्निपथ योजना को तुरंत खत्म करके यह योजना लागू होने से पहले चयनित हुए डेढ लाख युवाओं को ज्वाईन कराया जाए। साथ ही, सरकार अग्निपथ योजना को खत्म करके फौज में तुरंत पक्की भर्ती शुरु करे। उन्होंने सरकार से पूछा कि पक्की भर्ती वाली देश की फौज में कच्ची भर्ती वाली अग्निपथ योजना की मांग किसने की थी। ये वही फौज है जिसने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए और कारगिल युद्ध में दुश्मन का सिर झुका दिया था। अग्निपथ योजना देश की फौज को खोखला करने की योजना है।
देश की सेना को कमजोर करने का भाजपा ने किया काम
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि अग्निपथ स्कीम के जरिए बीजेपी सरकार ने देश की सेना को कमजोर करने का काम किया। चिंता का विषय है कि एक अग्निवीर सैनिक व एक नियमित सैनिक की शहादत होने पर शहीद के परिवार को मिलने वाली अनुग्रह राशि में भारी अंतर है और अग्निवीर शहीद को सरकार शहीद का दर्जा भी नहीं दे रही। शहादत होने पर उनके परिवार को पेंशन या सैन्य सेवा से जुड़ी कोई और सुविधा भी नहीं मिल रही। अग्निवीर सैनिक को ड्यूटी के दौरान ग्रेच्युटी व अन्य सैन्य सुविधाएं और पूर्व सैनिक का दर्जा व पूर्व सैनिक को मिलने वाली सुविधाएं मिलने का भी कोई प्रावधान नहीं है। अग्निवीरों में इतनी निराशा, हताशा और रोष है कि एक तिहाई अग्निवीर मायूस होकर ट्रेनिंग बीच में ही छोड़कर वापस घर लौट रहे हैं।
फौज में भर्ती होने वाले युवाओं की घट रही संख्या
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अभी तक हर साल फ़ौज में 60 से 80 हज़ार पक्की भर्तियां होती थी। अग्निपथ योजना लागू होने के बाद ये भर्ती घटकर करीब 40-50 हज़ार रह जाएंगी, जिसमें से 75 प्रतिशत अग्निवीरों को 4 साल बाद निकाल दिया जाएगा। इस हिसाब से अगले 15 साल में हिन्दुस्तान की करीब 14 लाख की फ़ौज का संख्याबल घटकर आधे से भी कम रह जाएगा। वहीं, हरियाणा में पहले हर साल फौज में 5000 की पक्की भर्ती होती थी, अब वो भी घटकर 900 रह गई, जिसमें से 4 साल बाद 200 अग्निवीर ही पक्के होंगे। ये वो इलाका है जहां गांव-गांव, हर घर से फ़ौज में भर्ती होकर देश सेवा करने की परम्परा रही है। फौज में हर 10वां सैनिक हरियाणा से है।