Delhi Chalo Protest: पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली चलो मार्च के तहत आज 13 फरवरी को दिल्ली के लिए निकल चुके हैं। किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर व्यवस्था चाक चौबंद है। जिससे किसान आज आगे नहीं बढ़ पाए। हजारों की संख्या में शंभू बॉर्डर पर किसान इकट्ठा हुए और शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की तो तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इसके साथ ही पुलिस ने ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले छोड़े। साथ ही कई किसानों को हिरासत में लिया है।
सैकड़ो किसान घायल
जानकारी के मुताबिक पुलिस के हमले में करीब 100 किसान घायल हो गए। इस दौरान किसानों ने भी पत्थरबाजी की। बता दें कि किसान मंगलवार सुबह 10 बजे के बाद पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से रवाना हुए हैं। इसके बाद किसान शंभू बॉर्डर पर पहुंचे। इसके बाद किसान बैरिकेड हटाने की कोशिश करने लगे तो पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की बौछार किए और रबर की गोलियां चलाई। इस दौरान एक किसान के आंख में गोली लगने से वह बुरी तरह घायल हो गया। मौके पर एंबुलेंस न होने के चलते किसानों ने अपने साथी को कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया। वहीं, कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं। हालांकि, आज रात के लिए अब किसानों ने अपना प्रदर्शन रोक दिया है। कल सुबह फिर से किसान विरोध प्रदर्शन फिर से शुरु करेंगे।
#WATCH | Police use tear gas to disperse protesting farmers at the Haryana-Punjab Shambhu border. pic.twitter.com/h5smXJ6ZX5
— ANI (@ANI) February 13, 2024
1500 ट्रैक्टरों से दिल्ली मार्च पर निकले किसान
जानकारी के मुताबिक किसानों ने 1500 ट्रैक्टरों और 500 से ज्यादा वाहनों के साथ पंजाब से कूच किया है। एक किसान ने बताया कि हम सुई से हथौड़ा तक सब लेकर चले हैं। हमारे पास पर्याप्त डीजल और पत्थर तोड़ने के औजार भी हैं। हम गांव से 6 महीने का राशन लेकर चले हैं। किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। हरियाणा के 7 और राजस्थान के 3 जिलों में इंटरनेट बंद है। 15 जिलों में धारा 144 लागू है।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज का बयान
इस बीच हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने किसानों के विरोध प्रदर्शन पर बयान दिया है। विज ने कहा किसान केंद्र सरकार से बात करना चाहते थे, केंद्र सरकार के अधिकारी बात करने आए। दो बार बातचीत भी हुई है और आगे भी बातचीत से इनकार नहीं कर रहे हैं। फिर भी किसान दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं। वे दिल्ली क्यों जाना चाहते हैं? ऐसा लगता है कि उनका कोई और मकसद है। हम शांति भंग नहीं होने देंगे। उन्हें अपना कॉल वापस लेना चाहिए। वहीं
किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने कहा- सरकार किसानों की मांगों को लेकर सीरियस नहीं है। उनके मन में खोट है। वह सिर्फ टाइम पास करना चाहती है। हम सरकार के प्रस्ताव पर विचार करेंगे, लेकिन आंदोलन पर कायम हैं।
#WATCH | Police use water cannons to disperse the protesting farmers at the Haryana-Punjab Shambhu border. pic.twitter.com/TbdXCytCMX
— ANI (@ANI) February 13, 2024
क्या बोले अनुराग ठाकुर
किसानों के विरोध प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा हम लगातार कह रहे हैं शांति बनाए रखें और चर्चा में भाग लें। अगर पीएम मोदी कतर में नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा से बचा सकते हैं और उन्हें सुरक्षित देश ला सकते हैं, तो हम समाधान निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा या तोड़फोड़ से कुछ हासिल नहीं होगा, इससे देश को नुकसान होगा, इसलिए कृपया बातचीत जारी रखें। मैं शांति बनाए रखने की अपील करता हूं और किसान नेताओं से बातचीत में शामिल होने का अनुरोध करता हूं।