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हरियाणा में डॉक्टरों की 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी को देखते हुए सरकार सक्रिय हो गई है। मंगलवार को तीन मांगों पर सहमति बन गई और बुधवार को अधिकारियों के साथ फिर से डॉक्टरों की बैठक होगी।

Demand of doctors:  एचसीएमएस एसोसिएशन के बैनर तले डॉक्टरों की 25 जुलाई से होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल से पहले ही डॉक्टरों को मनाने का सिलसिला शुरू हो गया है.। मंगलवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने संगठन के पदाधिकारी से वार्ता की। इसके बाद में तीन मांगों पर सहमति बन गई और चौथी मांग को लेकर बुधवार को एक बार फिर वार्ता होगी। सोमवार को प्रदेश के सभी जिलों में डाक्टरों ने दो घंटे ओपीडी बंद रखी। इसके साथ ही धरने प्रदर्शन और आपात बैठकें बुलाई। डॉक्टरों की नाराजगी को देखते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य सेवाएं के साथ बैठक रखकर मांगों का समाधान निकालना के लिए मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले ही आदेश दिए थे।

देर शाम तक चली वार्ता

एसोसिएशन पदाधिकारियों के साथ में अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल के साथ में देर शाम को वार्ता हुई।
इसके अलावा एक मांग एसीपी को लेकर अभी मंथन होगा। बुधवार को एक बार फिर दोपहर डॉक्टर को बातचीत के लिए बुलाया गया है। यहां पर उल्लेखनीय है कि प्रदेश में डाक्टरों की कमी और डाक्टरों पर लगातार काम का बोझ बढ़ जाने के कारण नाराज डॉक्टर ने आंदोलन की राह पकड़ ली है। एक दिन पहले एसोसिशएन की ओर से जिलों में नाराजगी जाहिर करते हुए ज्ञापन सौंपे गए। डाक्टरों ने नाराजगी जाहिर की थी और आरोप लगाया की कोराेना योद्धा कहे जाने वाले डाक्टरों को जायज मांगों के लिए आंदोलन की राह पकड़नी पड़ गई है।

सरकार व अधिकारियों को करवा दिया था अवगत

एचसीएमएस एसोसिएशन अध्यक्ष डाक्टर राजेश ख्यालिया ने बताया कि दो घंटों की ओपीडी बंद को लेकर पहले ही अधिकारियों और सरकार को अवगत कराया गया था। इस कारण सभी जिलों में नाराज डॉक्टरों ने नाराजगी जाहिर करते हुए धरने दिए औऱ प्रदर्शन किया है। एसोसिएशन का कहना है कि छह माह पहले सभी मांगों पर तत्कालीन मंत्री और अफसरों से सहमति बन चुकी थी। लेकिन अफसरशाही ने फाइलों को जगह-जगह पर अटकाया हुआ है।

 आंदोलन से हरकत में आए अफसर

प्रधान राजेश ख्यालिया ने कहा कि एक जुलाई को हुए आंदोलन के बाद में अफसरशाही हरकत में आई और एक बार फिर आश्वासन देकर टरकाना चाहते हैं। डा. अनिल यादव, डा. अमरजीत अन्य ने कहा कि कोविड के दौरान डॉक्टरों ने जी जान से काम किया और कईं दिवंगत भी हो गए, दुर्भाग्य की  बात है कि कोरोना योद्धा कहे जाने वाले डॉक्टरों को जायज मांगों के लिए आंदोलन पर मजबूर होना पड़ा है। मंगलवार को वार्ता सार्थक रही है बुधवार को यह जारी रहेगी और उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों पर अधिसूचना जारी कर डॉक्टर द्वारा 25 जुलाई से की जाने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए मजबूर नहीं करेगी।।

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