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पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी ने गठबंधन तोड़कर और मुख्यमंत्री बदलकर चुनाव से पहले ही अपनी हार मान ली है। इस फैसले से स्पष्ट है कि प्रदेश में विफल गठबंधन की सरकार चल रही थी, जिससे जनता का मोह पूरी तरह भंग हो चुका था।

Haryana: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी ने गठबंधन तोड़कर और मुख्यमंत्री बदलकर चुनाव से पहले ही अपनी हार मान ली है। इस फैसले से स्पष्ट है कि प्रदेश में विफल गठबंधन की सरकार चल रही थी, जिससे जनता का मोह पूरी तरह भंग हो चुका था। इसलिए अब सरकार को ठीक चुनाव से पहले मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री बदलने पड़े। ऐसा करके बीजेपी साढ़े 9 साल की विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। जबकि अब बीजेपी को प्रदेश की सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। प्रदेश में फौरन राष्ट्रपति शासन लागू करके जल्द विधानसभा चुनाव करवाने चाहिए।

सत्ता सुख भोगने का था भाजपा जजपा का गठबंधन

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन किसी नीति या जनहित के लिए नहीं हुआ था। दोनों ने सत्ता सुख भोगने के लिए यह गठजोड़ किया था। आज दोनों दलों ने जनता को झांसा देने के लिए गठबंधन तोड़ा है। सच्चाई यह है कि जिस समझौते के तहत बीजेपी-जेजेपी ने गठबंधन किया था, उसी समझौते के तहत यह गठबंधन तोड़ा गया है। दोनों दल आज भी अंदरखाने एक ही हैं। लेकिन चुनाव में सत्ता विरोधी वोटों को बांटने के लिए अलग-अलग लड़ने का ड्रामा करेंगे।

2019 चुनाव से पहले ही बोला था कि भाजपा जजपा मिली हुई

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 2019 विधानसभा चुनाव से पहले भी सार्वजनिक मंचों से यह बात बोली गई थी कि बीजेपी और जेजेपी दोनों मिली हुईं है और सिर्फ कांग्रेस की वोट बांटने के लिए एक-दूसरे के विरोध का ड्रामा कर रही हैं। आखिरकार वहीं हुआ और हरियाणा की जनता ने जिस सरकार के विरुद्ध वोट की थी, जेजेपी उसी की गोद में जाकर बैठ गई। साढ़े 4 साल जनमत के साथ विश्वासघात करने वाली सरकार चलाने के बाद फिर से बीजेपी-जेजेपी अलग होकर जनता के बीच जाएंगी और उसे बरगलाने की कोशिश करेंगी। मिलीभगत के इस खेल को हरियाणा की जनता अब समझ चुकी है। लेकिन काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ सकती।

2019 के विश्वासघात का बदला लेगी जनता

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि इस बार चुनाव में जनता बीजेपी-जेजेपी से 2019 में किए गए विश्वासघात का बदला लेगी। जनता को आज भी याद है कि किस तरह बीजेपी-जेजेपी सरकार ने किसानों पर लाठीचार्ज किया और उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े। आंदोलन के दौरान 750 किसान शहीद हो गए। लेकिन जेजेपी ने कभी किसानों के पक्ष में नहीं बोला। देश का मान बढ़ाने वाली बेटियां दिल्ली की सड़कों पर धरना प्रदर्शन करती रही, लेकिन जेजेपी हमेशा आरोपी के साथ मजबूती से खड़ी रही। सरपंच, सफाईकर्मी और कर्मचारियों को जब सरकार ने लाठियों से पीटा, तब भी जेजेपी सत्ता मिलने की खुशियां मनाती रही। क्रीमी लेयर आय सीमा को 8 से घटाकर 6 लाख करके ओबीसी वर्ग का आरक्षण छीनने में भी बीजेपी-जेजेपी दोनों दलों की समान भागीदारी रही।

गठबंधन सरकार में हुए जमकर घोटाले

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार के दौरान शराब, रजिस्ट्री, धान खरीद, फसल बीमा, आयुष्मान, नगर निगम, सफाई योजना जैसे अनगिनत घोटाले हुए। इसके लिए भी जेजेपी बराबर की जिम्मेदार है। हरियाणा को बेरोजगारी, अपराध, नशे, भ्रष्टाचार, महंगाई और कुशासन में नंबर वन राज्य बनाने में जितनी भूमिका बीजेपी की है, उतनी ही जेजेपी की भी है। कुल मिलाकर जेजेपी ने बीजेपी के साथ मिलकर प्रदेश को जो नुकसान किया है, उसके लिए जेजेपी जनता से माफी मांगने का अधिकार भी खो चुकी है। बीजेपी ने नेतृत्व, मंत्रिमंडल और सहयोगी बदलकर मान लिया है कि हरियाणा में बदलाव की लहर चल रही है। इसी के डर से चुनाव से ठीक पहले ऐसे कदम उठाने पड़े।

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