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हरियाणा में राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों की तीन प्रमुख मांगों को मान लिया गया है। एक मांग को लेकर भी सैद्धांतिक तौर पर फैसला हो चुका है, आचार संहिता की तलवार हटते ही यह एसपीसी संबंधी मांग भी पूरी हो जाएगी।

चंडीगढ़: राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों की तीन प्रमुख मांगों को मान लिया गया है। एक मांग को लेकर भी सैद्धांतिक तौर पर फैसला हो चुका है, आचार संहिता की तलवार हटते ही यह एसपीसी संबंधी मांग भी पूरी हो जाएगी। इस क्रम में एसोसिएशन की ओर से सरकार का आभार व्यक्त व्यक्त किया गया। एक मांग को लेकर 25 जुलाई को बांड राशि को लेकर अधिसूचना जारी की गई थी, आचार संहिता से पहले दो अन्य मांगों को लेकर सूचना एसोसिएशन को भेज दी गई थी।

अलग से गठित होगा स्पेशलिस्ट कैडर

स्पेशलिस्ट कैडर अलग से गठित करने और वाहन भत्ता विजिट के हिसाब से आने वाले वक्त में मिलेगा। अब से पहले यह केवल मात्र 500 रुपए ही मिलता था, जिसमें काफी सारी शर्ते लगी हुई थी, इसे मात्र 11 डॉक्टर ही ले रहे थे। अब डॉक्टरों को ड्यूटी के बाद विजिट करने की सूरत में विजिट के हिसाब से पैसा मिलेगा। इस संबंध में एक फार्मेट बना दिया गया है। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन की ओर से सरकार का आभार जताया गया। यहां पर उल्लेखनीय है कि डॉक्टरों को अपनी लंबित मांगों को लेकर हड़ताल और धरने प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ा था। कई बार डॉक्टरों की मांगों पर खुलकर अफसरों ने चिंतन मंथन किया, साथ ही आश्वस्त कर दिया कि 15 अगस्त से पहले पहले अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

सीपीएस सीएम से हुई थी बैठक

ज्ञात रहे कि सीपीएस सीएम राजेश खुल्लर और एपीएस सीएम अमित अग्रवाल द्वारा डॉक्टरों के साथ कई बार मैराथन बैठकें की गई, जिसके बाद डॉक्टर संतुष्ट नजर आए। अधिसूचना जारी हो जाने के साथ ही प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया और महासचिव डॉ. अनिल यादव ने सभी का धन्यवाद किया। स्वास्थ्य विभाग के एसीएस सुधीर राजपाल ने एसोसिएशन पदाधिकारियों की मांगों का समर्थन करते हुए इस पर रात दिन काम किया व इनका समाधान निकाला। सरकार ने मांगों को पूरा करते हुए पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए बॉन्ड राशि को 50 लाख करने की अधिसूचना जारी कर दी। डायरेक्ट भर्ती नहीं करने और डायरेक्ट एसएमओ भर्ती पर पूरी तरह से विराम लग गया। डॉक्टरों के लिए यात्रा भत्ता 500 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 7150 प्रतिमाह कर दिया।

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