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हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिला और मांगों को लेकर चर्चा की। स्वास्थ्यमंत्री ने कई मांगों पर सहमति जताई।

Haryana: हरियाणा में मांगों को लेकर डॉक्टरों की स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और अफसरों के साथ बातचीत हुई। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में चार प्रमुख मांगों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। इसमें अधिकांश मांगों को लेकर मंत्री विज की ओर से सहमति जताई गई। एसोसिएशन की ओर से उनकी मांगों को समयबद्ध तरीके से निपटाने की अपील की गई है। हरियाणा सचिवालय में हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन की ओर से अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया, महासचिव डॉ. अनिल यादव व  स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में विभाग की एसीएस जी अनुपमा डीजी हेल्थ प्रथम, द्वितीय मौजूद रहे।

एसएमओ भर्ती के नियमों पर बदलाव के दिए निर्देश

डॉक्टरों की ओर से चार प्रमुख मांगों को अनिल विज के सामने रखा गया, जिसमें सीधे एसएमओ की भर्ती नहीं करने और पदोन्नति से बनाने की बात की गई। मंत्री अनिल विज ने सहमति जताई, साथ ही नियमों में बदलाव का निर्देश दिया। इसके अलावा चार एसीपी लगाने को लेकर लंबी चर्चा हुई, जिस पर बाकी स्टेट की समीक्षा कर भत्ते लगाए जाने का रास्ता निकाला गया, क्योंकि यह केंद्र में पहले से लागू है। मंत्री विज ने तीन एसीपी को लेकर पॉजिटिव रुख दिखाया है। एसोसिएशन की ओर से 4, 9 और 13, 20 की वर्ष अवधि को लेकर एसीपी की मांग रखी, इस पर 4, 9 व 13  वर्षों पर सकारात्मक रास्ता निकालने की बात हुई।

बांड राशि एक करोड़ की बजाय होगी 50 लाख

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री ने डाक्टरों द्वारा पीजी किए जाने की सूरत में बांड की राशि को एक करोड़ से घटाकर 50 लाख कर दिए जाने को लेकर हरि झंडी दे दी है। मंत्री का कहना है कि वे डाक्टरों की मांगों को लेकर पहले से ही सहमत रहे हैं, आने वाले वक्त में भी उनको कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। स्पेशलिस्ट कैडर को लेकर एसोसिएशन और अफसरों के बीच काफी देर तक चर्चा हुई, जिस पर बताया गया कि उक्त मामला भी वित्त विभाग के पास भेजा गया है। वहां से वित्त विभाग की राय आने के बाद अंतिम विचार होगा।

प्रदेश के डॉक्टर कर रहे हैं आंदोलन

बता दें कि प्रदेश के डॉक्टर आंदोलनरत हैं, क्योंकि काफी समय से मांगों के लंबित रहने को लेकर  कलम छोड़ हड़ताल पर चले गए थे। साथ ही कई बार विरोध प्रदर्शन भी किए गए। डॉक्टरों के संगठन हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन की मांगों को लेकर वार्ता के लिए भी विकल्प खोले हुए थे। जिसके कारण 29 जनवरी को मंत्री द्वारा एसोसिएशन और अफसरों को बुलाया गया और मांगों को लेकर सहमति बनी।

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