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हरियाणा के हांसी में पेयजल संकट को लेकर महिलाओं ने जलघर के बाहर प्रदर्शन करते हुए मटके फोड़े। महिलाओं ने अधिकारियों के सामने आरोप लगाया कि टैंक में मछली मरी पड़ी है, जिन्हें बाहर तक नहीं निकाला जा रहा। लोगों के घरों में दूषित पानी की सप्लाई कर रहे हैं।

Hansi: निकटवर्ती गांव रामायण में शनिवार को महिलाओं ने पेयजल की किल्लत को लेकर जलघर पर मटके फोड़े। प्रदर्शन की अध्यक्षता कश्मीरी देवी ने करते हुए कहा कि पानी के बिना लोगों का बुरा हाल है। कई बार शिकायत कर चुके है लेकिन लोगों के नल सूखे पड़े है। यहां तक कि जलघर के टैंकों में मछली भी मरी पड़ी है। घरों में जो थोड़ा बहुत पानी सप्लाई किया जा रहा है, वह गंदा व बदबूदार पानी है। उन्होंने पेयजल किल्लत को लेकर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जल घर पर खूब हंगामा किया।

घरों में नहीं पहुंच रही पेयजल सप्लाई

प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि उनके गांव में बहुत सारे घर ऐसे हैं जहां जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही पेयजल सप्लाई नहीं पहुंच रही और जहां पर पानी पहुंचता है, वहां पर भी गंदा और बदबूदार पानी आता है। महिलाओं का कहना था पिछले कई सालों से गांव के जल घर में बने टैंकों की सफाई तक नहीं की गई है। गांव के जल घर में तीन टैंक हैं, जिनमें से एक टैंक पूरी तरह से सूख चुका है। दो टैंकों में थोड़ा थोड़ा पानी बचा हुआ है। भीषण गर्मी के चलते टैंकों का पानी बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है जिसके कारण टैंक में पड़ी मछलियां मर रही हैं। टैंकों में मरी पड़ी मछलियों को विभाग के कर्मचारियों द्वारा टैंकों से बाहर भी नहीं निकाला जाता।

प्रदर्शन के दौरान जलघर में नहीं मिला कोई कर्मचारी

प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बताया कि जल घर में तैनात कर्मचारियों में से कोई भी कर्मचारी मौके पर मिलने नहीं आया। इससे गुस्साई महिलाएं व ग्रामीण जल घर के अंदर ही धरने पर बैठ गई और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गांव की महिलाओं तथा ग्रामीणों द्वारा जलघर में मटका फोड़ प्रदर्शन व धरना दिए जाने की सूचना मिलने पर सरपंच अनिल टोनी मौके पर पहुंचे। उन्होंने जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया और ग्रामीणों को समस्या का जल्द ही स्थाई समाधान करवाने का आश्वासन दिया। ग्रामीणों ने अधिकारियों के समक्ष आरोप लगाया कि रामायण गांव के जल घर तैनात कर्मचारी गांव के जलघर का पानी पड़ोस के गांव में सप्लाई करते हैं, जिसकी वजह से रामायण में पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा।

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