Fatehabad: प्रदेश सरकार द्वारा शराब ठेकों के बढ़ाए गए रिजर्व प्राइज के चलते शराब की ई-ऑक्शन के लिए प्रदेशभर में ठेकेदारों ने नीलामी में भाग नहीं लिया। जिस कारण पलवल व सोनीपत को छोड़कर प्रदेश में कहीं भी शराब के ठेके नहीं बिक सके। बता दें कि प्रदेश सरकार ने बीते वर्ष से इस वर्ष शराब के ठेकों के जोन में 7 प्रतिशत टेंडर अमाउंट में वृद्धि कर दी। अब 14 जून को दोबारा ई-ऑक्शन करवाई जाएगी, जिसमें शराब के ठेकों की नीलामी होगी।
10 जून को रखी थी ठेकों की ई-ऑक्शन
प्रदेश सरकार के आबकारी एवं कराधान विभाग ने 10 जून को शराब के ठेकों की ई-ऑक्शन रखी थी। सरकार द्वारा 7 प्रतिशत रिजर्व प्राइज में वृद्धि करने से ठेकेदारों में पहले से ही रोष था। फतेहाबाद में आबकारी विभाग ने 30 मई को ठेकों की ई-ऑक्शन प्रक्रिया शुरू की थी, जिसमें 45 जोन के 90 ठेके थे। उस समय मात्र 10 ठेके की ही नीलामी सिरे चढ़ सकी। हालांकि 30 मई को शराब ठेकों की ई-ऑक्शन हुई थी। उस समय रिजर्व प्राइज का कोई मुद्दा नहीं था। ठेकेदारों का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में महंगी शराब बिक सकती है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में लोग महंगी शराब नहीं खरीद पाते। सरकार ने अनाप-शनाव रिजर्व प्राइज बढ़ा दिए, ऊपर से शराब कम्पनियों ने भी रेट बढ़ा दिए हैं। इसके अलावा दुकान का खर्च निकालकर ठेकेदार को कुछ नहीं बचता।
शहरी क्षेत्र के ठेके बिके, ग्रामीण ठेकों में नहीं दिखी रूचि
दरअसल यह ठेके शहरी क्षेत्र के थे, जिनमें शराब अच्छे दामों पर बिक जाती है। अन्य ठेके ग्रामीण जोन में पड़ते हैं। जहां शराब की बिक्री कम होती है। आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा नीलामी की डेट निर्धारित करने पर प्रदेश के सभी जिलों में मात्र पलवल व सोनीपत जिले के एक-एक ठेके ही बिक सके। अब सरकार ने संभावित 14 जून ई-ऑक्शन के लिए तिथि निर्धारित की है।
ठेकेदार को 5 प्रतिशत मिलेगा डिस्काउंट
नॉर्म्स के अनुसार प्रदेश सरकार को बिड में इस बार 5 प्रतिशत की कमी लानी पड़ेगी, यानि ठेकेदार को शराब के ठेकों का रिजर्व 5 प्रतिशत कम देना होगा। सरल भाषा में कहे तो ठेकेदारों को ठेकों में 5 प्रतिशत का डिस्काउंट मिलेगा। एक्साइज एंड लिकर जोनों की ई-टेंडरिंग प्रक्रिया 4 जुलाई तक चलेगी।
ये भी रहे बेरूखी के कारण
प्रदेश सरकार ने इस बार शराब के ठेकों की नीलामी में कई शर्तें नई जोड़ दी थी। जिनमें जो ठेकेदार ई-टेंडरिंग प्रोसेस में भाग लेगा, उसके द्वारा पिछले 3 सालों की इंकम टैक्स रिटर्न भरी होनी चाहिए। इसके साथ ही उसके पास 60 लाख रुपये की चल-अचल सम्पति होनी चाहिए। उसका टर्नओवर सर्टिफाइड सीए से प्रमाणित होना चाहिए। यही कारण रहा कि ठेकेदारों ने इस बार शराब के ठेके लेने में इस बार कम रूचि दिखाई।