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हरियाणा में रोहतक लोकसभा की बहादुरगढ़ विधानसभा में 2024 के चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा के लिए अपनी हार की हैट्रिक रोकना बड़ी चुनौती है। 2009 के चुनाव में 40 हजार से अधिक वोटों की लीड लेने वाले दीपेंद्र 2014 में 3528 व 2019 में 5630 वोटों से पिछड़े थे।

रवींद्र राठी. बहादुरगढ़। देश की संसद में लगातार तीन बार रोहतक लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले दीपेंद्र हुड्डा के लिए बहादुरगढ़ से हार की हैट्रिक को रोकना एक बड़ी चुनौती बन गया है। विदित है कि रोहतक लोकसभा क्षेत्र में शामिल होने के बाद बहादुरगढ़ से वर्ष-2009 के आम चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा को 40 हजार 952 वोटों की बढ़त हासिल हुई थी। लेकिन इसके बाद वर्ष-2014 में दीपेंद्र बहादुरगढ़ से 3528 वोटों से पीछे रह गए थे। जबकि वर्ष-2019 में हुए अंतिम चुनाव में 5630 वोटों से पिछड़ गए थे। देखना दिलचस्प रहेगा कि इस बार दीपेंद्र बहादुरगढ़ में किस तरह का प्रदर्शन करते हैं।

शहर में 2014 के मुकाबले तीन गुणा नुकसान

पिछले लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र जहां गांवों में बढ़त को छह गुणा बढ़ाने में सफल हुए थे, वहीं शहर में उन्हें 2014 की अपेक्षा 2019 में तीन गुणा अधिक नुकसान हुआ। यह दीपेंद्र की बहादुरगढ़ से हार का सबसे बड़ा कारण भी रहा है। बीते एक दशक के दौरान दीपेंद्र शहरी मतदाता में अपनी छाप छोड़ने में असफल रहे हैं। दीपेंद्र ने वर्ष-2009 में जब लोकसभा चुनाव लड़ा तो बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उन्हें 56 हजार 985 वोट मिले थे। जबकि इनेलो-भाजपा के संयुक्त उम्मीदवार नफे सिंह राठी को मात्र 16 हजार 33 वोटों से संतोष करना पड़ा था। बसपा प्रत्याशी राजकुमार शर्मा को 4 हजार 868 वोट व हजकां प्रत्याशी कृष्णमूर्ति हुड्डा को महज 993 वोट ही मिले थे।

2014 में भाजपा के धनखड़ भी पिछड़े थे दीपेंद्र 

लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में दीपेंद्र हुड्डा को 42 हजार 783 और भाजपा के ओमप्रकाश धनखड़ को 46 हजार 311 वोट मिले थे। इनेलो के शमशेर खरकड़ा को 14 हजार 106 व आम आदमी पार्टी के नवीन जयहिंद को महज 8 हजार 774 वोट मिले। ग्रामीण क्षेत्र में दीपेंद्र को जहां 22 हजार 738 वोट मिले, वहीं धनखड़ को 21 हजार 290 मत प्राप्त हुए थे। शहर में जहां ओमप्रकाश धनखड़ को 25 हजार 21 वोट मिले, वहीं दीपेंद्र हुड्डा को 20 हजार 45 वोटों से संतोष करना पड़ा। इस तरह दीपेंद्र ने ग्रामीण क्षेत्र में 1448 वोटों की बढ़त ली, लेकिन शहर में 4 हजार 976 वोटों से पिछड़ गए।

2019 के चुनाव का लेखाजोखा 

ग्रामीण इलाके में कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा को 33 हजार 113 वोट और भाजपा के डॉ. अरविंद शर्मा को 23 हजार 932 वोट मिले। शहर में दीपेंद्र को 26 हजार 776 वोट हासिल हुए। जबकि अरविंद को शहर में 41 हजार 587 वोट मिले। ग्रामीण इलाके में दीपेंद्र 9181 वोटों की बढ़त मिलने के बाद भी शहर में 14 हजार 811 वोटों से पिछड़ गए। बहादुरगढ़ हलके में दीपेंद्र को 59 हजार 889 और अरविंद को 65 हजार 519 वोट मिले थे। इस तरह पिछली बार दीपेंद्र बहादुरगढ़ हलके से कुल 5630 वोटों से पराजित हुए। शहर में दीपेंद्र की हार के दो बड़े कारण हैं, एक शहरी मतदाताओं में भाजपा का प्रभाव और दूसरा उनके नजदीकि कांग्रेसी नेताओं का जनता में विरोध।

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