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Farmer Protest: हरियाणा में संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर निकाली जा रही युवा किसान शुभकरण की अस्थि कलश यात्रा को होली त्यौहार के कारण 2 दिनों  के लिए स्थगित कर दिया गया है।

Farmer Protest: हरियाणा में संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर निकाली जा रही युवा किसान शुभकरण की अस्थि कलश यात्रा को होली त्यौहार के कारण 2 दिनों यानी, 25-26 मार्च के लिए स्थगित कर दिया गया है। 8 दिन पहले शुरू हुई शुभकरण सिंह मान की कलश यात्रा पंचकूला, यमुनानगर, चंडीगढ़, कुरुक्षेत्र  और करनाल के कई गांव से होते हुए कैथल पहुंची है। किसान सरकार पर दबाव बनाने सहानुभूति जुटा रहे हैं।

वहीं, किसान आंदोलन-2 को 40 दिन बीत चुके हैं। आज 24 मार्च को 41वां दिन है। किसानों ने 23 मार्च को शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर शहीदी दिवस मनाया था। जिसमें अंतरराष्ट्रीय पहलवान बजरंग पूनिया समेत अन्य किसान नेता शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि किसान अब 31 मार्च को अंबाला की अनाज मंडी में होने वाले शहीदी समागम की तैयारी कर रहे हैं।

बजरंग पूनिया ने किया था किसानों का समर्थन

बता दें कि, महिला दिवस पर अंतरराष्ट्रीय पहलवान साक्षी मलिक ने शंभू बॉर्डर पहुंच किसानों को अपना समर्थन दिया था। शहीदी दिवस पर पहलवान बजरंग पूनिया ने भी पहुंच अपना समर्थन दिया था। मंच से किसानों को संबोधित करते हुए पूनिया ने कहा था कि बड़ा दुख होता है हमारे परिवार के सदस्य सड़कों पर बैठे हैं। कैसे उनके ऊपर अत्याचार किया जा रहे हैं। ​​​​​हम भी लड़ाई लड़ रहे थे, आप लोग हमारे समर्थन में दिल्ली जंतर-मंतर पर बैठे। वह भी देश की बहन-बेटियों की लड़ाई थी। आज किसान-मजदूर अपने हकों के लिए लड़ाई कर रहे हैं और सरकार अनदेखी कर रही है, यह देखकर बड़ा दुख होता है। यह लड़ाई सिर्फ हरियाणा और पंजाब ही लड़ सकते हैं। हम सरकार से करोड़ों रुपए नहीं मांग रहे, हम सिर्फ फसलों पर एमएसपी की मांग कर रहे हैं।

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किसान आंदोलन  में अब तक 14 की मौत

किसान आंदोलन के दौरान 14 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें 3 पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं। 17  और  18 मार्च को किसान आंदोलन से जुड़े 3 किसानों की अलग-अलग कारणों से मौत हुई थी। किसान एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने समेत अन्य कई मांगों पर अड़े हुए हैं। अब तक सरकार के साथ हुई 4 दौर की वार्ता विफल रही। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे धरने पर डटे रहेंगे।

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