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हरियाणा के जींद में दातासिंह वाला बार्डर पर किसानों का जमावड़ा लगा रहा। कुछ युवकों ने सील बार्डर की तरफ पत्थर फेंके, लेकिन पुलिस ने वार्निंग देकर उन्हें शांत करवा दिया। किसान 21 फरवरी को दोबारा दिल्ली कूच के आह्वान पर बार्डर की तरफ बढ़ने का प्रयास करेंगे।

Jind: किसान आंदोलन पार्ट दो के चलते मंगलवार को पिछले आठ दिन से दातासिंह वाला बार्डर पर पंजाब की तरफ रोक रखे किसानों ने छठे दिन भी नारेबाजी को जारी रखा। कुछ युवओं ने सील बार्डर की तरफ पत्थर भी फैंके। पुलिस द्वारा वार्निंग दिए जाने पर वे शांत हो गए और वापस लौट गए। मंगलवार को छठे दिन भी शांति भरा माहौल रहा। पंजाब की तरफ से किसानों ने खेती हो या बेटी हो, खुद को बचाना होगा, सरकार के पास बैठे लोगों के पास ना खेती है और ना बेटी, का पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी की। वहीं किसानों ने 21 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया तो पुलिस चौकसी को ओर बढ़ा दिया।

सील बॉर्डर की तरफ किसान बढ़े तो फोर्स ने दी वार्निंग

दातासिंह वाला बॉर्डर पर पूरा दिन शांति का माहौल रहा। किसान प्रदर्शन के लिए आगे पीछे बढ़ते रहे। कुछ युवाओं ने पत्थर भी फैंके। जिस पर वहां तैनात डीएसपी अमित भाटिया ने कार्रवाई की चेतावनी दी और शांति बनाए रखने की अपील की। जो युवा नारेबाजी करते आगे बढे़, वे सील बॉर्डर से महज तीस से 35 मीटर दूर रह गए। हालातों को तनावपूर्ण होता देख पंजाब की तरफ से मौजिज लोग आगे बढ़ रहे युवाओं को रोकते नजर आए। बॉर्डर पर तैनात किए गए जवानों द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है। इस दौरान ईक्का-दुक्का सिख हाथों में कृपाण लिए भी दिखे।

उझाना से दातासिंह वाला सील बार्डर के रास्ते पर कड़ी निगाह

पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच की कॉल को देखते हुए उझाना दातासिंह वाला बॉर्डर की तरफ जाने वाले हाईवे पर चौकसी को बढ़ा दिया है। हालांकि वहां पर नाकाबंदी पहले से है लेकिन सील बॉर्डर शांति के चलते थोड़ी सी वाहनों के आवागमन में छूट दी गई थी। अब फिर कॉल को देखते हुए चौकसी को बढ़ा दिया। इस बात की भी निगाह रखी जा रही थी कि स्थानीय किसान पंजाब की तरफ न जा पाए ताकि माहौल खराब न हो। नाके पर पुलिस पंजाब की तरफ जाने वाले हर वाहन पर नजर रखे हुए है।

चलता रहा लंगर, सुस्ताते भी दिखाई दिए किसान

दातासिंह वाला बॉर्डर पर एक तरफ युवा आगे बढ़ रहे थे तो दूसरी तरफ कुछ किसान दिनभर शांति से लंगर बना रहे थे। पूरा दिन यहां आंदोलनरत किसानों के लिए लंगर बनता रहा। लंगर स्थल के पास ही बैठ कर आंदोलन को लेकर रणनीतियां बनाई गई। किसानों की मानें तो उन्हें अपने आला नेताओं की कॉल का इंतजार है। जैसे ही उन्हें आंदोलन को लेकर कॉल दी जाती है तो वो हर हाल में दिल्ली कूच करेंगे। बॉर्डर पर किसान टोलियों में बैठ कर गाने गाकर मनोरंजन करते हुए भी दिखाई दिए। 

किसानो के साथ हाथों में झंडा ले महिलाओं ने भी संभाला मोर्चा

किसान आंदोलन के चलते लगातार दातासिंह वाला बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ रही है। मंगलवार को पंजाब की तरफ से काफी महिलाएं दाता सिह वाला बार्डर पर दिल्ली कूच के लिए डेरा डाले किसानों के बीच पहुंची। महिलाओं ने हाथों में झंडा लेकर मोर्चा संभाला और पुरूष किसानों के साथ कंधे से कंधा मिला कर आंदोलन में भाग लेने को कहा। इस दौरान महिलाओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

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