Shubhakaran Death Case: पंजाब-हरियाणा के किसान फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर डटे हैं। किसान नेताओं और केंद्र सरकार के मंत्रीयों के बीच अब तक चार राउंड की बातचीत हो चुकी है। लेकिन इसमें कोई भी नतीजा नहीं निकला है। इस बीच किसानों ने केंद्र से पांचवे दौर की बातचीत करने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ एक नई मांग रख दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किसानों का कहना है कि जब तक युवा किसान शुभकरण की मौत मामले में आरोपियों के उपर केस दर्ज नहीं हो जाता, तब तक सरकार से पांचवे दौर की बातचीत नहीं होगी।
हरियाणा और पंजाब के खिलाफ भी खुल सकता है मोर्चा
मीडिया से बातचीत में एक किसान नेता ने बातों-बातों में संकेत दिया कि शुभकरण सिंह की मौत पर किसान शांत रहने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि किसान दिल्ली कूच न करके हरियाणा-पंजाब और केंद्र सरकार के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाएं। इस बीच खबर तो ये भी है कि आज 28 फरवरी को किसान नेता मृतक किसान शुभकरण सिंह के घर गए हैं। वहां परिवार के लोगों से आगे की रणनीति पर विचार विमर्श करने के बाद मीटिंग में चर्चा करेंगे। खबर है कि मृतक शुभकरण के मुद्दे को हाइकोर्ट में ले जाने के लिए परिवार वालों से बातचीत की जाएगी। मीटिंग के बाद यह फैसला लिया जा सकता है कि गुरुवार को दिल्ली कूच करना है या शंभू बॉर्डर पर ही बैठना है।
सातवें दिन भी नहीं हो सका पोस्टमार्टम
बता दें कि किसान संगठनों की मांग है कि शुभकरण सिंह की मौत के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज होना चाहिए। किसानों की यह मांग अभी तक अधूरी है, लिहाजा शुभकरण सिंह के शव का सातवें दिन भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका। जानकारी के मुताबिक शुभकरण सिंह का शव पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में रखा हुआ। राजिंदरा अस्पताल में इस समय करीब 100 किसान पहरे पर बैठे हैं। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किसान नेता आज मृतक के परिजनों से मिलकर इस पर बातचीत करेंगे।
दिल्ली कूच का कल होगा फैसला
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 23 फरवरी को ऐलान किया था कि 29 फरवरी तक दिल्ली चलो मार्च स्थगित रहेगा। इसकी जानकारी किसान संगठन के नेता सरबन सिंह पंढेर ने मीडिया से बातचीत में दी थी। उन्होंने कहा था कि आगे की रणनीति पर 29 फरवरी को फैसला होगा। किसानों के दिल्ली मार्च को स्थगित करने के बाद प्रशासन ने कुछ राहत की सांस ली। ऐसे में आज 28 फरवरी है, किसानों के मार्च के लिए सिर्फ एक ही शेष है। अभी तक किसानों और सरकार के बीच मांगों को लेकर सहमति भी नहीं बन पाई है। इसको लेकर अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या किसान दिल्ली फिर से कूच करेंगे। हालांकि, इसकी सही जानकारी अब कल 29 फरवरी को ही पता चल पाएगी।
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