Firing in Fatehabad: फतेहाबाद में सतीश कॉलोनी में शनिवार शाम को गोली उर्फ बलराज गोलीबारी के दौरान घायल हो गया था। जिसके बाद आज रविवार सुबह हिसार के निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई। हमलावरों ने उसकी पत्नी पर भी गोली चलाई थी, लेकिन वह बच गई। डॉक्टरों ने बताया कि गोली बलराज की छाती के पास से होते हुए आंत में जा फंसी थी। जिस चलते वह उसे बचा नहीं पाए। बता दें कि मृतक बलराज पर पहले से ही 27 से अधिक पुलिस केस दर्ज थे, जिसमें से कुछ केस में वह बड़ी हो चुका था और कुछ दिन पहले ही वह जेल से बाहर आया था।
इस मामले को लेकर पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली है। जिसमें बनसुधार सिरसा का रहने वाला संजय और खेमा खाती चौक फतेहाबाद का रहने वाला विकास के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल अभी हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस इस वारदात को वर्चस्व की लड़ाई से जोड़कर देख रही है। इसके साथ ही आगे की कार्रवाई कर जांच कर रही है।
पत्नी ने दी पुलिस को जानकारी
काठमंडी का रहने वाले बलराज की पत्नी पूजा ने पुलिस को बताया कि शनिवार शाम को वह दोनों गाड़ी से साथ में स्वामी नगर में अपने प्लाट को देखने के बाद घर लौट रहे थे। जब वह सतीश कॉलोनी में एक स्कूल के पास पहुंचे तो पीछे से आए बाइक सवारों ने उनकी गाड़ी में कंडक्टर साइड से शीशे पर फायर कर दिया। इसके बाद आगे जाकर उसके पति ने गाड़ी रोकी तो दो से तीन युवकों ने पीछा करते हुए उसके पति पर गोलियां चलानी शुरू कर दी।
पत्नी ने की आरोपियों की पहचान
पत्नी के अनुसार फायरिंग के दौरान गोली उसके पति के पेट में जा लगी। उसके बाद हमलावरों ने उस पर भी फायरिंग की, लेकिन वह बच गई और अपने पति को लेकर एक दुकान में घुसकर शटर बंद करके अपनी जान बचाई। वारदात के आंजाम देते ही हमलावर मौके से फरार हो गए। पत्नी ने युवकों की पहचान संजय और विकास के रूप में की है।
इसके बाद उसकी पत्नी ने उसे वहां मौजूद लोगों का मदद से घायल अवस्था में निजी अस्पताल ले गई। जहां पर डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसे हिसार के अस्पताल में रेफर कर दिया था। जहां पर 16 जून की सुबह उसकी मौत हो गई। पुलिस ने कल वारदात को लेकर हत्या की कोशिश का केस दर्ज किया था। अब उसकी मौत के बाद इस केस में पुलिस हत्या की धारा भी जोड़ेगी।
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मंदिर के बाहर बैठी महिला ने देखी घटना
शनिवार शाम को घटना स्थल के पास ही स्थित शनि मंदिर के बाहर बैठी एक महिला ने बताया की कार को अचानक बाइक सवार युवकों ने रुकवाया। इसके बाद तड़ातड़ गोलियां चलने की आवाजें आने लगी। वहां पर आस-पास बच्चे खेल रहे थे तो उन्होंने बच्चों को पकड़कर मंदिर के अंदर भेजा ताकि कोई अनहोनी न हो जाए। देखते ही देखते कार से खून से लथपथ युवक एक युवती के साथ बाहर निकले और सामने की दुकान में जाकर शटर बंद कर दिया। इतने में बाइक सवार युवक वहां से भाग गए।