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हरियाणा के बहादुरगढ़ में गुरुग्राम व झज्जर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भ्रूण लिंग जांच का भंडाफोड़ किया। छापामार टीम ने मौके से एक आरोपी दलाल को काबू कर लिया। पकड़े गए आरोपी से पुलिस पूछताछ कर रही है।

Bahadurgarh: भ्रूण हत्या तथा भ्रूण लिंग जांच रोकने के लिए बेशक कितने ही प्रयास किए जा रहे हो, लेकिन कोख के कातिलों पर लगाम नहीं लग पा रही। आए दिन कहीं न कहीं लिंग जांच के मामले सामने आ रहे हैं। बहादुरगढ़ में भी एक मामला सामने आया। यहां रोहतक-दिल्ली रोड स्थित डॉ. प्रियंका सोलंकी अल्ट्रसाउंड सेंटर पर गुरुग्राम और झज्जर स्वास्थ्य विभाग की (पीएनडीटी) टीम ने छापा मारा। दलाल ने जैसे ही डिकोय को गर्भ में लड़का बताया तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे काबू कर लिया। मामले में अल्ट्रासाउंड सेंटर तथा पर्ची बनाने वाले डॉक्टर की क्या भूमिका है, ये अभी जांच का विषय है।

गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग को मिली थी गुप्त सूचना

स्वास्थ्य विभाग गुरुग्राम को सूचना मिली कि बहादुरगढ़ के नयागांव का निवासी गुलाब भ्रूण लिंग जांच कराता है। उसे रंगे हाथ पकड़ने के लिए पुलिस ने योजना बनाई। योजनाबद्ध तरीके से एक डिकोय तैयार की और उसका संपर्क दलाल गुलाब से कराया। मध्यस्ता के बाद भ्रूण लिंग जांच का सौदा 20 हजार रुपए में तय हुआ। आरोपी गुलाब ने डिकोय को नयागांव चौक पर बुलाया। इसके बाद वह उसे झज्जर रोड पर सैय्यद के निकट स्थित एक क्लीनिक पर ले गया। अभी तक सामने आया कि आरोपी गुलाब ने क्लीनिक में जाकर डॉक्टर डीएन शर्मा से कहा कि उसकी परिचित पेशेंट बाहर गाड़ी में है। वह अंदर नहीं आ सकती, उसका लेवल-2 का अल्ट्रासाउंड होना है। जैसे-तैसे उसने डॉक्टर से पर्ची बनवा ली और फिर उसे रोहतक-दिल्ली रोड स्थित डॉ. प्रिया सोलंकी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर लेकर पहुंचा। वहां सामान्य पेशेंट की तरह पर्ची कटी और इसके बाद लेवल-2 की जांच हुई।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारकर दलाल को पकड़ा

जानकारी अनुसार रिपोर्ट मिलने से पहले ही आरोपी ने बाहर आकर डिकोय व उसके साथ आए शख्स से कहा कि बधाई हो, लड़का है। दूसरी तरफ विभाग की टीम तैयार थी। इशारा पाते ही टाउट यानी गुलाब सिंह को काबू कर लिया। इसके बाद टीम ने सेंटर में जांच शुरू की। तमाम रिकार्ड खंगाला गया। इस दौरान कुछ दस्तावेज मेंटेन न होने संबंधित खामियां पाए जाने की भी बात सामने आई। टीम ने आरोपी से रुपयों की रिकवरी भी कर ली। इस केस में अल्ट्रासाउंड के लिए पर्ची काटने वाले चिकित्सक तथा अल्ट्रासाउंड सेंटर की संलिप्ता है या नहीं, ये अभी जांच का विषय है। इतना जरूर है कि फिलहाल विभाग ने क्लीन चिट किसी को भी नहीं दी है। कार्रवाई करने वाली टीम में गुरुग्राम से पीएनडीटी नोडल आफिसर डॉ. जयप्रकाश, एमओ डॉ. हरीश, क्राइम ब्रांच से एएसआई परमवीर, कांस्टेबल विकास तथा झज्जर के पीएनडीटी नोडल आफिसर डॉ. शैलेंद्र डोगरा, डॉ. रवि दलाल आदि शामिल रहे।

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