डिंग/सिरसा: क्षेत्र के न्यू मोचीवाली माइनर एक बार फिर टूट गई, जिससे 20 एकड़ भूमि में सूखा गेहूं का चारा प्रभावित हो गया। बार-बार माईनर टूटने पर क्षेत्र के किसान काफी परेशान है। इस समय किसान नरमें व कपास की बिजाई के लिए सिंचाई की तैयारी में लगे हुए हैं जिससे नहरी पानी की काफी जरूरत है। लेकिन नहर टूटने के कारण खेतों में पानी भर गया और फसलों के लिए रखा चारा भी बह गया। सूचना के बाद सिंचाई विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और माइनर को पाटने का काम शुरू करवाया।
माइनर में 10 फुट की आई दरार
किसानों ने बताया कि रविवार को वह खेत की तरफ जा रहे थे कि खेतों की तरफ पानी भरा हुआ मिला। जब नजदीक जाकर देखा तो माईनर टूटी हुई थी और उसमें करीब 10 फुट की दरार आई हुई थी। उसने बेलदार रमेश मईया को माईनर टूटने की जानकारी दी तो मौके पर पहुंचे बेलदार रमेश मईया ने बुलडोजर की सहायता से माइनर को बंद कर दुरुस्त करवा दिया। माइनर काफी पुराना तथा जर्जर हालत में है इसलिए बार-बार टूट रहा है। इसमें पेड़ तथा झाड़ी होने से पानी का रिसाव हो रहा है, जिससे माईनर में दरारे आ रही है। इससे किसानों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे पहले भी माइनर कई बार टूट चुका है। माईनर टूटने पर करीब 20 एकड़ में गेहूं के सुखे चारे के फने पानी से प्रभावित हो चुकें हैं।
माइनर क्षेत्र की कई गांवों में सिंचाई के लिए उपलब्ध कर रही पानी
यह माईनर क्षेत्र के डिंग, मोचीवाली, कुकड़थाना, जोधकां को सिंचाई करता है। इन गांवों के किसानों को माईनर टूटने पर काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इसको लेकर किसान प्रशासनिक अधिकारी व विधायकों को माईनर का दोबारा निर्माण करने की मांग कर चुके हैं। माईनर टूटने पर एक तरफ तो जहां माइनर टूटता है वहां फसलें पानी से प्रभावित हो रही है तो दूसरा तरफ अंतिम छोर पर जिसकी नहर की पानी की बारी होती है वह किसान नहरी पानी के अभाव में सिंचाई के बगैर रह जाता है जिससे फसलें सूख जाती है। बार-बार माइनर टूटने पर किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है इसलिए सरकार को चाहिए कि जल्द ही इस समस्या का समाधान करें।