राकेश भट्ठी, Bhiwani: दिल में जज्बा हो जीने का, तो खुशियों की कोई उम्र नहीं होती, इस कहावत को चरितार्थ कर रही है एक निजी स्कूल की शिक्षिका पूनम शर्मा। जिनके पति गुरुदत्त शर्मा का 2017 में अचानक निधन हो गया, लेकिन इन विषम परिस्थितियों में उन्होंने हार नहीं मानी। पूनम ने पति की मृत्यु के बाद एमए की पढ़ाई पूरी की और बेटा-बेटी को उच्च शिक्षा दिलवा उनके भविष्य को चार चांद लगाने में जुट गई। इसके लिए वे स्कूल में अध्यापन एवं घर में बच्चों को ट्यूशन करवा रही हैं।
वर्ष 2000 में हुई थी पूनम की शादी
उल्लेखनीय है कि पूनम शर्मा का विवाह गुरूदत्त शर्मा से वर्ष 2000 में हुआ था। उस समय पूनम दसवीं पास थी और गुरूदत्त ट्रांसपोर्ट कंपनी में कार्य करते थे। पूनम के पति गुरुदत्त शर्मा, जेठ दिनेश शर्मा व जेठ लक्ष्मण गौड़ के प्रोत्साहन से पूनम ने शादी के 11 साल एवं दसवीं कक्षा के 15 साल बाद 12वीं की पढ़ाई की। उन्होंने स्नातक व बीएड की पढ़ाई पूरी की। 2017 में गुरूदत्त की अचानक मृत्यु हो गई, उस समय पूनम एमए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही थी और बेटा हिमांशु साइंस संकाय से 11वीं व बेटी प्रिया नौवीं की पढ़ाई कर रही थी। अचानक बनी विषम परिस्थितियों से पूनम ने हार नहीं मानी व हौंसला बनाए रखा। पति के साथ बेटा-बेटी के लिए देखे सपनों को साकार करने में जुट गई। फिलहाल बेटा हिमांशु बीएससी करके बीएड व बेटी प्रिया सीबीएलयू में एमएससी केमेस्ट्री की पढ़ाई कर रही है।
बेटे का बिजनेसमैन व बेटी का वैज्ञानिक बनने का सपना
पति गुरूदत्त शर्मा की मृत्युके बाद पूनम ने हौंसला नहीं हारा और बेटे हिमांशु व बेटी प्रिया की पढ़ाई प्रभावित नहीं होने दी। अब हिमांशु बीएससी करके बीएड कर रहा है और एमबीए करके बिजनेसमैन बनना चाहता है। वहीं प्रिया सीबीएलयू में प्रोफेसर डॉ. सुरेंद्र कौशिक के मार्गदर्शन में एमएससी केमेस्ट्री कर रही है और पीएचडी करके वैज्ञानिक बनना चाहती है, जिसके लिए पूनम स्कूल व घर में ट्यूशन करवाकर बेटा-बेटी के सपनों को साकार करने मंन जुटी है।
सांसद, विधायक व अनेक संस्थाएं कर चुकी सम्मानित
पूनम शर्मा को अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा सांसद धर्मबीर सिंह व विधायक घनश्याम दास सर्राफ ने भी उन्हें बेहतर शिक्षिका के तौर पर सम्मानित किया है। उन्हें शिक्षा, पर्यावरण, जल बचाओं के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने पर अनेक सम्मान मिले हैं, जो उनके लिए गर्व की बात है। ये सब उनके पति गुरुदत्त शर्मा, जेठ दिनेश शर्मा, जेठ लक्ष्मण गौड़ व पूरे परिवार के मार्गदर्शन एवं हौंसले का परिणाम है। इसके अलावा वे जरुरतमंद बच्चों को फ्री ट्यूशन एवं पुस्तकें भेंट कर सहयोग करती है।