सुरेन्द्र असीजा, फतेहाबाद: समय से पूर्व ग्लेशियर पिघलने से इस बार नंगल स्थित भाखड़ा डैम में पर्याप्त जलस्तर होने से इस बार मानसून से पूर्व भी हरियाणा, राजस्थान, पंजाब व हिमाचल को कृषि के साथ-साथ पीने के पानी की कोई किल्लत नहीं रहेगी। पिछले कुछ दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी के कारण एकाएक पानी की डिमांड बढ़ गई है, ऐसे में भाखड़ा डैम में पर्याप्त जलस्तर की खबर यहां के लोगों के लिए बड़ी राहत देने वाली है। प्रदेश में कृषि की सिंचाई के लिए नहरों के दो ग्रुप बने हुए हैं। प्रत्येक ग्रुप के लिए 16 दिन नहरों में पानी छोड़ा जाता है। फतेहाबाद शहर में नहरों के माध्यम से ही पीने के पानी की सप्लाई होती है।
हिमालय की पहाड़ियों में पिघलना शुरू हुआ ग्लेशियर
हिमालय की पहाड़ियों में ग्लेशियर पिघलने से 20 मई से नंगल स्थित गोबिंद सागर डैम में पानी आना शुरू हो जाता है। जितना पानी जरूरत के लिए निकाला जाता है, उससे ज्यादा ग्लेशियर पिघलने से डैम में आ जाता है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के अनुसार इस समय भाखड़ा डैम का जलस्तर 1561.44 फीट चल रहा है जो हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व हिमाचल में सिंचाई व पीने के लिए पर्याप्त है। यहां से कुछ पानी पेयजल के लिए दिल्ली भी सप्लाई होता है। आमतौर पर मई में मौसम बदलने पर तापमान बढ़ना शुरू हो जाता है। गर्मी में ग्लेशियर तेजी से पिघलने लगते हैं। इस बीच बारिश भी शुरू हो जाती है, जिससे डैम में लगातार पानी का लेवल बढ़ने लगता है। मानसून के बाद यहां प्रतिदिन जलस्तर का लेवल लगातार बढ़ता रहता है।
सिंचाई के लिए नहरों के बनाए दो ग्रुप
डैम में पानी की पर्याप्त उपलब्धता के चलते प्रदेश में सिंचाई के लिए नहरों के दो ग्रुप बनाए गए हैं। इनमें प्रत्येक ग्रुप को 16-16 दिन पानी मिलता है। इससे पूर्व यहां पानी की किल्लत के चलते तीन ग्रुप बना दिए गए थे। अब भीषण गर्मी में ग्लेशियर पिघलने से भाखड़ा डैम में पानी की उचित उपलब्धता है, जिस कारण नहरों में पानी 16 दिन मिल रहा है। बता दें कि यहां सिंचाई के लिए भाखड़ा मेन लाइन पटियाला से वाया मूनक, खनौरी होते हुए टोहाना के बलियाला हैड तक आती है। यहां से जिले की नहरों में पानी सप्लाई होता है। यहीं से भाखड़ा मेन ब्रांच, फतेहाबाद ब्रांच व फतेहाबाद डिस्ट्रीब्यूरी के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाती है, जिससे जिले में सिंचाई होती है। ग्रुप बी की 37 नहरों में 3515 क्यूसिक पानी की सप्लाई होगी। इसके बाद ग्रुप ए की नहरों में पानी सप्लाई शुरू होगी। फतेहाबाद जिले की ए ग्रुप की 33 नहरों में 16 दिन 3621 क्यूसिक पानी मिलेगा।
चार राज्यों को जाता है पानी
भाखड़ा डैम से पानी नंगल हाईडल चैनल से आता है। इसके बाद यहां से भाखड़ा मेन लाइन निकलती है। भाखड़ा मेन लाइन से पानी नरवाना ब्रांच नहर, दिल्ली व करनाल पहुंचता है। यहां से पानी हरियाणा, दिल्ली, पंजाब व राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में जाता है। औसत यहां से प्रतिदिन 17700 क्यूसिक पानी निकासी की डिमांड रहती है।
20 मई से 20 सितम्बर तक ग्लेशियर पिघलने से डैम में भरता है पानी
वर्ष 2022 में आज ही के दिन भाखड़ा नंगल डैम में 1558.25 फुट पानी था। वर्ष 2023 में इसी दिन यहां 1566-16 फुट पानी दर्ज हुआ था। इस साल डैम में 1561.44 फुट पानी है। इस डैम की पानी की क्षमता 1680 फुट है। 20 मई से गर्मी के कारण ग्लेशियर पिघलने शुरू होते हैं, वहीं मानसून में बारिश के समय भी डैम में पानी आता रहता है। यह प्रक्रिया 20 सितम्बर तक जारी रहती है। 20 सितम्बर तक डैम फुल रहता है। तब कई डैम से पानी निकासी के लिए दरवाजे खोल दिए जाते हैं ताकि डैम को किसी प्रकार का कोई नुकसान न हो।