Jakhal: एक तरफ प्रशासन द्वारा पर्यावरण संरक्षण को लेकर जोर-शोर से प्रचार और पौधरोपण कर आमजन को प्रेरित किया जा रहा है, वहीं इसके बावजूद खेतों में आग लगाए जाने से पेड़ पौधे भी नष्ट हो रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से गेहूं के अवशेष न जलाने के आदेश यहां क्षेत्र में हवा हवाई नजर आ रहे हैं। बीती रात कुलां जाखल मुख्य मार्ग किनारे गांव ढेर के पास खेतों में आग लगने से कई छोटे और सफेदे के बड़े पेड़ आग की भेंट चढ़े हुए दिखाई दिए। आग से जले पेड़ इतने कमजोर हो गए कि यह किसी भी समय गिर सकते हैं। इससे बड़ा हादसा होने का भी खतरा बना है।
धान रोपाई के लिए भी कचरा एकत्रित कर जलाते हैं किसान
कुछ जगहों पर किसान धान रोपाई करने की तैयारी के लिए स्वयं भूमि को साफ करने के उद्देश्य से खेतों में पड़े कूड़े कबाड़े को जलाने के लिए आग लगा देते है, जबकि आग लगाने के बाद ऐसे किसान इस आग को बुझाने का प्रयास नहीं करते। लिहाजा इससे आग फैलकर पेड़ पौधों को चपेट में ले लेती है। खेतों में आग लगने से यहां जहरीला धुंआ आसमान को छू रहा हैं, वहीं यह आग पेड़, पौधों की हरियाली निगल रही हैं। नतीजन इससे पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। सड़क किनारे खेतों में आगजनी से उठने वाले धुएं से राहगीरों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ता हैं।
गेहूं के अवशेष जलाने से हरे पेड़ चढ़ रहे आग की भेंट
अक्सर देखने को मिलता है कि खेतों में गेहूं के अवशेषों के साथ न जाने कितने पेड़ पौधे आग की भेंट चढ़ जाते हैं। अनुमान लगाया जाए तो हर वर्ष जितने पेड़ पौधे आगजनी की बलि चढ़ जाते हैं तो उससे आधा हिस्सा भी पौधे रोपित नहीं किए जाते। इस थोड़ी सी लापरवाही के चलते पर्यावरण प्रदूषण, अतिवृष्टि व सूखा पड़ना आम बात बन चुकी है, परंतु मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों व अवशेष जलाने वालों में से किसी को भी इन पर्यावरण के सजग प्रहरी पेड़ों की आग बुझाने की चिंता नहीं है। बीती रात भी खेतों में आगजनी का मंजर देखने को मिला। लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा खेतों में फसल अवशेष जलाने के लिए आग लगाई जाती है और उस आग से वृक्षों की बलि दी जाती हैं तो ऐसा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाए।
क्या कहते हैं अधिकारी
वन रेंज अधिकारी टोहाना कश्मीर सिंह ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में है। बीती रात जाखल कुलां रोड़ पर सड़क किनारे खड़े पेड़ पौधे जल गए। हमारी टीम इसकी जांच कर रही है, अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। उक्त जगह का मुआयना कर गहनता से जांच पड़ताल की जाएगी। जांच में यदि किसी किसान द्वारा खेतों में फसल अवशेषों को आग लगाना पाया गया तो उसके खिलाफ़ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।