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Gurgaon Lok Sabha Seat: गुड़गांव लोकसभा सीट पर 15 सालों से राव इंद्रजीत सिंह का कब्जा है। क्या राज बब्बर यह सीट हासिल कर सकते हैं, पढ़िये यह रिपोर्ट...

गुड़गांव लोकसभा सीट पर 15 साल से सांसद रहे राव इंद्रजीत सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने राज बब्बर को प्रत्याशी बनाया है। पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव इस सीट पर प्रबल दावेदार थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाई। ऐसे में चर्चा शुरू हो चुकी है कि राज बब्बर यह सीट जीत पाएंगे या नहीं। आइये गुड़गांव लोकसभा सीट का इतिहास देखकर यह समझने का प्रयास करते हैं कि इस बार का चुनाव एकतरफा होगा या फिर बीजेपी और कांग्रेस के बीच तगड़ा घमासान देखने को मिल सकता है।

2009 से 2019 के चुनावों का लेखा-जोखा

गुड़गांव लोकसभा सीट 1952 में अस्तित्व में आई थी, लेकिन 1977 में इस सीट को खत्म कर दिया गया था। परिसीमन के बाद 2008 में यह सीट दोबारा से अस्तित्व में आई। इसके बाद 2009 में लोकसभा चुनाव हुआ, जिसमें राव इंद्रजीत सिंह ने जीत हासिल की। खास बात है कि राव इंद्रजीत ने यह चुनाव कांग्रेस की टिकट पर लड़ा था। इसके बाद 2014 का लोकसभा चुनाव राव इंद्रजीत सिंह ने बीजेपी की टिकट पर लड़ा और जीत हासिल की। यही नहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में भी राव परिवार का कब्जा रहा। इस चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने 8, 81, 546 वोट हासिल किए, जबकि कांग्रेस के कैप्टन अजय सिंह यादव को महज 4,95290 वोट मिल सके। बसपा के चौधरी रईस अहमद 26, 756 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे।

राव इंद्रजीत को हराना आसान नहीं

राव इंद्रजीत सिंह को गुड़गांव लोकसभा सीट से हराना चुनौतीपूर्ण है। राव इंद्रजीत जब कांग्रेस में थे, तब मेवात लोकसभा क्षेत्र की जनता ने उन्हें समर्थन नहीं दिया था। बावजूद इसके उन्होंने जीत हासिल कर ली थी। यही नहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में भी मेवात क्षेत्र की जनता ने जाकिर हुसैन को समर्थन दिया, लेकिन उन्हें दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। यही स्थिति 2019 के लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिली। इस चुनाव में भी मेवात क्षेत्र के प्रत्याशियों ने कांग्रेस को समर्थन दिया, लेकिन कैप्टन अजय सिंह को राव इंद्रजीत के हाथों करीब चार लाख वोटों से शिकस्त का सामना करना पड़ा। यहां क्लिक कर पढ़िये संबंधित खबर...

राज बब्बर को भी करनी पड़ेगी कड़ी मेहनत

हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब केवल 24 दिन ही शेष बचे हैं। राज बब्बर को बाहरी दावेदारी का ठप्पा धोना होगा। साथ ही, कैप्टन अजय को मनाना भी बड़ी चुनौती है। दरअसल, कैप्टन अजय सिंह इलाके के दिग्गज कांग्रेसी नेता हैं, लेकिन टिकट न मिलने के कारण खासे नाराज हैं। उन्होंने टिकट घोषित होने से पहले ही हाईकमान पर भी हमले करने शुरू कर दिए थे, जिसका खामियाजा टिकट गंवाकर भुगतना पड़ा है। राज बब्बर के लिए राहत भरी बात केवल यह है कि पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा उनके साथ हैं। लेकिन यह भी देखना दिलचस्प होगा कि कैप्टन अजय सिंह की नाराजगी के बीच भूपेंद्र हुड्डा उन्हें जीत दिला पाते हैं या नहीं।

9 में से 5 चुनावों में कांग्रेस रही विजयी

1952 से लेकर 2019 तक गुरुग्राम लोकसभा सीट पर कुल नौ चुनाव हुए, जिसमें से पांच चुनाव कांग्रेस के खाते में गए। हालांकि पिछले 15 सालों से इस सीट पर राव परिवार का कब्जा है। नीचे जानिये किस साल किस पार्टी और किस प्रत्याशी ने गुड़गांव लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है।

1952- कांग्रेस के ठाकुर दास भार्गवा

1957- कांग्रेस के अबुल कलाम आजाद

1958- प्रकाश वीर शास्त्री निर्दलीय जीते

1962- कांग्रेस के गजराज सिंह यादव

1967- अब्दुल घानी डार निर्दलीय जीते

1971- कांग्रेस के तैय्यब हुसैन

2009- कांग्रेस से राव इंद्रजीत सिंह जीते

2014- बीजेपी से राव इंद्रजीत सिंह जीते

2019- राव इंद्रजीत सिंह ने कैप्टन अजय सिंह को हराया

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