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हरियाणा की गुरुग्राम लोकसभा सीट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। राव इंद्रजीत इस सीट पर अपनी बेटी आरती राव को मैदान में उतारने के लिए प्रयास कर रहे हैं, जबकि भाजपा राव इंद्रजीत को ही टिकट देने के पक्ष में दिखाई दे रही है। अब देखना यह होगा कि यह सीट बाप बेटी में से किसे मिलती है।

नरेन्द्र वत्स, रेवाड़ी: बेटी आरती राव की राजनीति के मैदान में धमाकेदार तरीके से एंट्री कराने के लिए पांच साल से इंतजार कर रहे केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह इस बार पार्टी हाईकमान से अपनी बजाय आरती को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। पार्टी के शीर्ष नेता आरती की जगह उन्हें टिकट देने के पक्षधर हैं। अगले एक-दो दिन में प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर तस्वीर साफ हो सकती है, जिसमें गुरुग्राम से राव या उनकी बेटी दोनों में से कोई एक प्रत्याशी हो सकता है।

70 के दशक में राव इंद्रजीत राजनीति में हुए थे सक्रिय

पूर्व सीएम राव बिरेंद्र ने सक्रिय राजनीति में रहते हुए बड़े बेटे राव इंद्रजीत सिंह को 70 के दशक में जाटूसाना हलके से विधानसभा भेजकर राजनीति के मैदान में एक्टिव कर दिया था। उनके सक्रिय राजनीति से अलग होने से पहले राव इंद्रजीत सिंह राजनीति के मैदान में परिपक्व हो चुके थे। पिता की तर्ज पर अपनी राजनीतिक विरासत बेटी को संभालने के लिए राव ने पांच साल पहले ही प्रयास शुरू कर दिए थे। उन्होंने गत विधानसभा चुनावों में आरती को रेवाड़ी से टिकट दिलाने के लिए पूरा जोर लगाया था, परंतु पार्टी ने पिता के बाद बेटी को भी टिकट देने से साफ मना कर दिया। राव अब अगले कुछ सालों में राजनीति से रिटायर होने के करीब पहुंच रहे हैं। ऐसे में उनके सामने बेटी आरती को विधानसभा या लोकसभा में भेजने की बड़ी जिम्मेदारी है।

राव से बड़ा गुरुग्राम सीट पर भाजपा के पास नहीं विकल्प

गुरूग्राम लोकसभा सीट पर भाजपा के पास राव से बड़ा कोई विकल्प नहीं है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक बार फिर मोदी लहर के चलते राव अपनी जगह आरती को टिकट दिलाकर उनकी सीधे संसद में एंट्री कराने की तैयारी में जुटे हुए हैं। आरती के लिए लोकसभा टिकट की पैरवी करने के कारण भाजपा का एक खेमा इसका विरोध भी कर रहा है। इस खेमे को राव की टिकट से गुरेज नहीं है, लेकिन उनके स्थान पर आरती को टिकट देने के पक्ष में नहीं है। अगले एक-दो दिन में टिकट को लेकर तस्वीर साफ होने की पूरी संभावना है।

पीएम मोदी के दौरे को लेकर टिकी निगाहें

गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र में पीएम मोदी का एक माह से कम समय में 11 मार्च को दूसरा दौरा होगा। पीएम मोदी का एक ही लोकसभा क्षेत्र में कम समय में दो बार आना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मोदी के आगमन पर भारी भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी राव समर्थकों के कंधों पर है। सूत्रों के अनुसार अगर पीएम के आगमन से पूर्व टिकट फाइनल नहीं होती है, तो राव उनके आगमन के दौरान उन्हें आरती को टिकट दिलाने के लिए तैयार करने का पूरा प्रयास करेंगे।

खुद प्रदेश की राजनीति में होंगे एक्टिव

अगर राव आरती को लोकसभा का टिकट दिलाने में कामयाब हो जाते हैं, तो उनके लिए प्रदेश की राजनीति में खुलकर खेलने का मैदान साफ हो जाएगा। अगर पार्टी राव को लोकसभा टिकट देती है, तो आरती के लिए विधानसभा की टिकट का रास्ता पहले चुनावों की तरह मुश्किल हो सकता है। आरती को लोकसभा में भेजने की रणनीति सिरे चढ़ती है तो राव विधानसभा चुनावों में प्रदेश की राजनीति में प्रभावी तौर पर अग्रिम मोर्चे पर खड़े नजर आ सकते हैं।

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