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हरियाणा की गुरुग्राम लोकसभा सीट पर भले ही कांग्रेस ने अभी तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की, लेकिन भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह ने टिकट फाइनल होने के बाद से ही गुरुग्राम के बड़े हलकों में प्रचार अभियान पर पूरी ताकत लगाई हुई है। इस सीट पर गुरुग्राम जिले के चार में तीन बड़े हलकों की ही चुनाव परिणाम में बड़ी भूमिका रहती है।

नरेन्द्र वत्स, रेवाड़ी: लोकसभा चुनावों को लेकर भले ही कांग्रेस ने अभी तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की, लेकिन भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह ने टिकट फाइनल होने के बाद से ही गुरुग्राम के बड़े हलकों में प्रचार अभियान पर पूरी ताकत लगाई हुई है। इस सीट पर गुरुग्राम जिले के चार में तीन बड़े हलकों की ही चुनाव परिणाम में बड़ी भूमिका रहती है। बावल और पटौदी राव के पुराने गढ़ माने जाते हैं, जबकि मेवात के तीनों हलके भाजपा और राव की सबसे कमजोर कड़ी हैं।

गुरुग्राम व बादशाहपुर में मतदाताओं की संख्या अधिक

गुरुग्राम में हलका गुरुग्राम और बादशाहपुर में मतदाताओं की संख्या अन्य हलकों की तुलना में काफी ज्यादा है। गत लोकसभा चुनावों में राव को बादशाहपुर में सर्वाधिक 1.43 लाख मतों से जीत हासिल हुई थी, जबकि गुरुग्राम में भी उनकी जीत का अंतर 1.23 लाख मतों से ज्यादा था। राव पटौदी में लगभग 95 हजार मतों से जीत दर्ज कर गए थे, जबकि सोहना में जीत का अंतर सबसे कम 35.86 हजार रहा था। इस समय राव ने गुरुग्राम के बड़े हलकों पर भी ज्यादा जोर दिया हुआ है। इन हलकों में अगर एक बार फिर बड़ी जीत मिलती है, तो इससे राव के लिए लगातार चौथी बार लोकसभा पहुंचने के लिए द्वार खुलने में आसानी हो जाएगी। बावल राव इंद्रजीत सिंह का पुराना गढ़ रहा है।

विरोध की राजनीति करने वालों ने राव पर डोरे डालने किए शुरू

आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए विरोध की राजनीति करने वाले नेताओं ने राव पर डोरे डालने शुरू किए हुए हैं। बावल में गत लोकसभा चुनावों में राव को 89993 मतों से जीत मिली थी। इस हलके में कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारी लाल का व्यापक प्रभाव होने के कारण राव एक बार फिर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। इस बार एक लाख मतों से अधिक से राव की जीत सुनिश्चित कराने के लिए डॉ. बनवारीलाल पूरा प्रयास कर रहे हैं। इस हलके में कांग्रेस के पास फिलहाल कोई चमत्कारी नेता नजर नहीं आ रहा, जो पार्टी प्रत्याशी के लिए अप्रत्याशित परिणाम दिलाने की स्थिति में हो। इस सीट पर कांग्रेस से कैप्टन अजय सिंह यादव को एक बार फिर से मैदान में उतारने की संभावनाओं को बल मिल रहा है।

रेवाड़ी में खास समर्थकों को कमान

रेवाड़ी हलके में राव को गत लोकसभा चुनावों में 85 हजार से ज्यादा मतों की बढ़त मिली थी। पुस्तैनी गढ़ होने के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन गृह क्षेत्र में ही चित्त हो गए थे। बाद में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की गुटबाजी ने यह सीट खो दी थी। राव ने लोकसभा चुनावों में इस हलके में प्रचार की कमान सुनील मुसेपुर, भाजपा जिला उपाध्यक्ष अजय पटौदा और अनिल रायपुर को सौंपी हुई है। सुनील मुसेपुर ने प्रचार मैदान में राव के लिए पूरी ताकत झोंकी हुई है। इस हलके में भाजपा की गुटबाजी एक बार फिर सामने आ सकती है।

मेवात में बदलाव की बड़ी उम्मीद

नूंह जिले में राव को कांग्रेस में रहते हुए भी मुस्लिम मतदाताओं का साथ नहीं मिला था। भाजपा में आने के बाद उनका वोट प्रतिशत और खिसकता चला गया। राव को गत लोकसभा चुनावों में नूंह हलके में 47.86 हजार, फिरोजपुर झिरका में 81.86 हजार और पुन्हाना में 59.61 हजार मतों से करारी हार का सामना करना पड़ा था। जाकिर हुसैन जैसे कद्दावर नेता का साथ और मेवात क्षेत्र के लोगों का इस बार राव के प्रति शॉफ्ट कॉर्नर इस बार भाजपा प्रत्याशी के लिए बड़ा चमत्कार साबित हो सकता है। असली जंग के लिए कांग्रेस प्रत्याशी के मैदान में आने का इंतजार है।

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