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हरियाणा के गुरुग्राम में एक युवक को पुलिस ने किडनेपरों से बचाया। मानेसर क्राइम ब्रांच ने तीन आरोपियों को काबू किया। पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों का पैसों के लेन देन का विवाद चल रहा है, जिसके कारण उन्होंने युवक का अपहरण किया।

Gurugram: खेड़कीदौला थाना एरिया में गन प्वाइंट पर फोरमैन का किडनेप करने के मामले में मानेसर क्राइम ब्रांच ने पीड़ित को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़वाते हुए तीन आरोपियों को सोनीपत से गिरफ्तार किया। आरोपियों ने साढ़े आठ लाख के लेन-देन विवाद के चलते वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने आरोपियों से वारदात को अंजाम देने में प्रयोग की गई एक लाईसेंसी रिवॉल्वर, 3 जिन्दा कारतूस व 4 मोबाइल फोन बरामद किए। पुलिस मामले में आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

बिल्डर कंपनी में बतौर फोरमैन काम करता है मनोज

सोनीपत निवासी अनिता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका बेटा मनोज कुमार एक बिल्डर कंपनी में बतौर फोरमैन नौकरी करता है। जिसका संदीप नामक युवक से रुपयों का लेन-देन है। संदीप ने उनके दूसरे बेटे पंकज को फोन कर बताया कि उनके बेटे मनोज का अपहरण कर लिया है। खेड़कीदौला थाना पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी। मामले में मानेसर क्राइम ब्रांच के प्रभारी एसआई ललित कुमार की टीम ने कार्यवाही करते हुए आरोपियों का पीछा किया और सोनीपत से मनीष कुमार को सकुशल छुड़ाते हुए वारदात को अंजाम देने वाले तीन आरोपी 42 वर्षीय संदीप उर्फ काला, 28 वर्षीय मोहित व 23 वर्षीय कुनाल को काबू कर लिया।

नौकरी लगवाने के नाम पर लिए थे 15 लाख 

एसीपी वरुण दहिया ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि संदीप कुमार उर्फ काले ने तीन साल पहले अपने भांजे को बैंक में नौकरी लगाने के लिए अपनी जमीन बेचकर 15 लाख रुपए मनोज को दिए थे। मनोज द्वारा न तो भांजे की नौकरी लगवाई और न ही रुपए वापस किए। रुपए वापस नहीं दे पाने के कारण मनोज ने पहले अपनी कार आरोपी संदीप उर्फ काले को दे दी थी। कार देने के बाद भी मनोज पर साढ़े आठ लाख रुपए बकाया थे। मनोज बकाया रुपए नहीं दे रहा था और इससे छुपकर वह नौरंगपुर में एक सोसाइटी में रह रहा था।

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