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हरियाणा में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐेसे में गुरुग्राम से बीजेपी सांसद ने सीएम पद को लेकर बड़ा दावा ठोंका है। इसके साथ ही उन्होंने इस बार अपनी बेटी को भी चुनाव लड़ाने का फैसला किया।

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने भी अभी से तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले ही नेताओं के बीच सीएम पद को लेकर दावेदारी भी शुरू हो गई है। गुरुग्राम लोकसभा सीट से एक बार फिर जीत हासिल करने वाले बीजेपी सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने सीएम पद को लेकर बड़ा दावा किया है।

BJP सांसद राव इंद्रजीत ने CM कुर्सी पर ठोंका दावा

गुरुग्राम लोकसभा सीट से जीत मिलने के बाद बीजेपी सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने अपने समर्थकों को संबोधित किया। उन्होंने अपनी जीत पर सभी लोगों और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया है। इसके साथ ही उन्होंने सीएम पद को लेकर भी एक तरह से दावा ठोंका है। राव इंद्रजीत ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव हैं। हमें इसके लिए अभी से अपनी तैयारी करनी है।

उन्होंने कहा कि जो हमसे रूठ गया, उसे मनाना है। हमें संगठित होकर मजबूत रहना है। इस बार दक्षिणी हरियाणा के जरिए ही सत्तासीन होना है। राव इंद्रजीत ने आगे कहा कि इस बार हो सकता है कि विधानसभा चुनाव समय से पहले हो।

बेटी को लड़ाऊंगा विधानसभा चुनाव- इंद्रजीत

BJP सांसद राव इंद्रजीत ने आगे बेटी आरती राव को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव में अपनी बेटी आरती राव को जरूर लड़ाऊंगा। उन्होंने कहा कि पहले तो वह कहती थी, लेकिन अब मैं कह रहा हूं।

दक्षिणी हरियाणा के जरिए सत्तासीन होना है- इंद्रजीत

बीजेपी सांसद ने कहा कि दक्षिणी हरियाणा ही सूबे की राजनीति का केंद्र रहा है। दक्षिणी हरियाणा में 14 सीटें आती हैं। इनमें 11 सीटें यादव बाहुल्य हैं। ऐसे में इस बार राव इंद्रजीत ने दक्षिणी हरियाणा से सीएम पद को लेकर दावा ठोंका है। बता दें कि इससे पहले राव इंद्रजीत सिंह के पिता राव बीरेंद्र सिंह ही पहले ऐसे नेता थे, जो यहां से मुख्यमंत्री बने। इसके बाद दक्षिणी से कोई दूसरा नेता सीएम पद तक नहीं पहुंचा।

बता दें कि हरियाणा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इस बार बड़ा नुकसान हुआ है। इससे पहले 2019 में हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका। बीजेपी को प्रदेश में सिर्फ 5 सीटों पर ही जीत मिली, जबकि पांच सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया।

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